Chhath Puja 2021 in Hindi दोस्तो हमारे भारत देश त्यौहारो का देश है यह पर हर दिन कोई खास पर्व जरूर होता है। अब आप ही देख लो की दिवाली तो अभी गई है और औरते छठ पूजा का पर्व की शुरूआत कर दि है। छठ पूजा का प्रारंभ दिपावली के त्यौहार के बाद में होता है। जो संतान सुख की प्राप्ति के लिए तथा सदैव उन पर कृपा बनाऐ रखने के लिए औरते प्रतिवर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को सूर्य षष्ठी (छठ पूजा) का व्रत रखती है।

जो मुख्य रूप से तीन दिनो का होता है किन्तु चौथे दिन सूर्य को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण करती है इसी कारण यह व्रत चार दिनो का भी हो जाता है। इस व्रत वाले दिन सूर्य भगवान की पूजा का विधान है ऐसे में आप भी संतान सुख की प्राप्ति के लिए छठ पूजा का व्रत रखती है तो पोस्ट में बताई हुई व्रत कथा व पूजा विधि को पढ़कर आप अपना व्रत पूर्ण कर सकती है।
Chhath Puja 2021 (छठ पूजा 2021)
इस व्रत को रखने वाली सभी औरते धन-धान्य, पति-पुत्र तथा सुख-समृद्धि से परिपूर्ण रहती है। कार्तिक मास की शुक्लपक्ष की छठ (षष्ठी) को व्रत बड़े ही नियम व निष्ठा से किया जाता है। जिसमें तीन दिन तक कठोर उपवास का विधान है जो पंचमी से सप्तमी तक किया जाता है। छठ पूजा का व्रत रखने वाली औरते पंचमी वाले दिन एक बार नमक रहित भोजन करना पड़ता है।
जिसके बाद षष्ठी (छठ) Chhath Puja 2021 in Hindi वाले दिन निर्जल रहकर व्रत किया जाता है। जिसके बाद संध्या के समय सूर्यस्त होने के समय विधिपूर्वक पूजा करके अर्घ्य देते है। तपश्चात सप्तमी वाले दिन प्रात:काल नदी या तालाब पर जाकर स्नान आदि करके सूर्योदय होते ही अर्घ्य देकर जल ग्रहण करके षष्ठी (छठ) व्रत का पारण किया जाता है।
Chhath Puja in Hindi (छठ पूजा महापर्व)
कार्तिक महीने की शुक्लपक्ष की षष्ठी को छठ पूजा का महापर्व होता है। जो इस वर्ष 08 नवबंर 2021 से शुरू होकर 11 नवबंर 2021 को समाप्त हो रहा है। चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व के प्रथम दिन को नहाय-खाय कहा जाता है। तथा पंचमी वाले दिन को खरना कहा जाता है। इसी लिए यह व्रत 36 घंटो का होता है।
आपको बता दे की पौराणिक मान्यताओ के अनुसार इस व्रत की शुरूआत महाभारत काल में शुद्र पुत्र कर्ण द्वारा की गई थी। जो की माता कुंती और भगवान सूर्य नारायण का प्रसाद थे। उस समय कर्ण अंग देश के राजा थे जो आज वर्तमान में बिहार राज्य के आधुनिक भागलपुर बताया जाता है।
वैसे तो छठ पूजा का यह पर्व भारत में बहुत ज्यादा प्रचलित है इसी लिए कई राज्यो में इस छठ पूजा उत्सव पर राज्य अवकाश होता है। किन्तु आपकी जानकारी के अनुसार बता दे की भारत के अलावा भी यह महापर्व कई अन्य देशो में भी होता है। किन्तु र्फक इतना है की उन सभी देशो में इस व्रत को अपनी-अपनी पंरपरा के अनुसार किया जाता है।

छठ पूजा 2021 कैलेंड़र
पूजा | दिनांक | वार |
नहाय-खाय छठ पूजा | 08 नवबंर 2021 | सोमवार |
खरना पूजा | 09 नवबंर 2021 | मगंलवार |
डूबते सूर्य को अर्घ्य | 10 नवबंर 2021 | बुधवार |
उगते सूर्य को अर्घ्य व छठ पूजा समाप्त | 11 नवबंर 2021 | गुरूवार |
आपको बता दे छठ पूजा के प्रथम दिन को नहाय व खाय कहा जाता है। तथा दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। कही स्थानो पर खरना को लोहंडा भी कहा जाता है। जो की एक महत्वपूर्ण दिन होता है। खरना वाले दिन रात को खीर खाकर लगातार 36 घंटो तक कठिन व्रत किया जाता है। खरना के अगले दिन छठी मैया व सूर्य देव की पूजा की जाती है
जो की इस वर्ष 10 नवबंर 2021 को किया जाऐगा। तथा इसे दूसरे दिन भगवान सत्यनारायण को अर्घ्य देकर छठी माता के व्रत का पारण किया जाता सकता है।
छठ मैया व्रत कथा (Chhath Vrat Katha)
प्राचीन काल में बिन्दुसार तीर्थ में एक महीपाल नाम का वणिक रहता था। वह धर्म-कर्म व देवताओ में बिल्कुल विश्वास नही करता था। एक दिन वह कही जा रहा था तो रास्ते में उसे भगवान सूर्य की प्रतिमा दिखाई दी। वह वणिक भगवान सूर्य की प्रतिमा पर पहले तो थूका उसके बाद उसके सामने मल-मूत्र का त्याग किया।
और वहा से चला गया। कुछ दिनो बाद उस व्यक्ति (वणिक) के धीरे-धीरे ऑखे खराब होने लगी। अर्थात उसे कम दिखाई देने लगा। और एक दिन उसको बिल्कुल भी दिखाई नही दिया वह अंधा हो गया। जिससे वह परेशान होकर यानी अपने जीवन से ऊब कर गंगाजी में डूबकर मर जाने की ठान ली। और वह आत्महत्या करने के लिए गंगा की ओर चल दिया।
रास्ते में उस व्यक्ति को महर्षि नारद जी मिले और उनसे भेट की, नारदजी से उस वणिक से पूछा की इतने जल्दी में कहा जा रहे हो वत्स। नारदजी के पूछने पर महीपाल वणिक ने कहा की अब मैं मेरे इस जीवन से परेशान हो गया हू इसी लिए गंगाजी में कूदकर अपनी जान दूगा। इसी लिए गंगा नदी पर जा रहा हॅू।
महीपाल कि बात सुनकर महर्षि बोले अरे मूर्ख महीपाल तेरी यह दशाा तो भगवान सूर्य देव ने की है। क्योकि उसकी मूर्ति के सामने तुने मल-मूत्र त्यागा था। इसी लिए क्रोध में आकर उन्होने तुम्हारी आखो की रोशनी छीन ली। नारद जी की बात सुनकर व वणिक बोला हे महर्षि इस महापाप से मुक्त होने का कोई तो उपाय होगा।
कृपा करके मुझे बताइऐ ताकी मैं अपने इस अंधकार भरे जीवन से बाहर आ सकू। तब नारद जी ने बताया की कार्तिक मास की शुक्लपक्ष की षष्ठी (छठ) व्रत रखोगे तो तुम्हारे सभी पाप धूल जाऐगे। ऐसा कहकर नारद जी तो वहा से चले गऐ। और कुछ दिनो बाद कार्तिक माह की शुक्लपक्ष की छठ आई। और महीपाल ने छठी मैया व सूर्य भगवान का व्रत पूर्ण रूप से किया।

अर्थात पूरे विधि-विधानो से श्रद्धा पूर्वक किया। जिससे प्रभाव से उसकी आंखो की रौशनी वापस आ गई। और उसके सभी कष्ट दूर हो गऐ। वणिक के ऐसा करने पर सुख-समृद्धि पूर्ण दिव्य ज्योति प्राप्त कर वह स्वर्ग का अधिकारी बन गया। अत: वह अपने अंतिम जीवन में भी सुख आंनद वैभव पाते हुए अंत को स्वर्ग लोक को प्राप्त हुआ।
दोस्तो आज के इस लेख में हमने आपको छठ पूजा/छठ मैया व्रत Chhath Puja 2021 in Hindi के बारे में विस्तार से बताया है। यदि आपको लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो लाईक करे व अपने मिलने वालो के पास शेयर करे। और यदि आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न है तो कमंट करके जरूर पूछे। धन्यवाद
यह भी पढ़े-
प्रश्न:- छठ पूजा कब है
उत्तर:- 10 नवबंर 2021
प्रश्न:- छठ पूजा कितने दिनो तक चलती है।
उत्तर:- चार दिनो तक
प्रश्न:- छठ मैया का व्रत क्यो करती है।
उत्तर:- संतान सुख प्राप्ति के लिए
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