Chaiti Chhath Puja 2022 in Hindi
साथियों हमारा भारत देश महान है क्योंकि यहा प्रतिदिन व्रत व त्यौहार आते रहते है और इसी लिए भारत को पावन त्यौहारों की भूमि व देश कहा जाता है। और आज में हम आपको चैती छठ पूजा 2022 के बारें में विस्तार से बाएगे। जो की प्रतिवर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की छठ को किया जाता है। जो की लगाता चार दिनों तक किया जाता है यदि आप भी छठ पूजा करती है तो नीचे दी गई कथा व पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त पढ़कर अपनी पूजा पूर्ण कर सकती है।
चैती छठ पूजा 2022

हर साल चैत्र के महीने की शुक्लपक्ष की षष्ठी अर्थात छठी को चैती छठ के नाम से जाना जाता है जो की चार दिनों तक लगातार चलता है। जिसे चार दिवसीय पर्व कहा जाता है इस पर्व का पहला दिन नहाय-खाय के नाम से जाना जाता है। तथा दूसरा दिन खरना व तीसरे दिन डूबते हुऐ सर्यू देव को जल का अर्घ्य देते है। और चौथे दिन अर्थात अंतिम दिन को उगते हुऐं सूर्य भगवान को अर्घ्य देते है। और छठ पूजा महापर्व को समाप्त करती है। कैलेंडर के अनुसार यह व्रत वर्ष में दो बार आता है जिसमें पहला चैत्र के महीने में अर्थात अप्रैल में महीने में मनाया जाता है।
दूसरा छठ महापर्व कार्तिक महीने में आने वाली छठ (षष्ठी) के दिन मनाया जाता है। इस व्रत को सभी सुहागन औरते निर्जला रखती है और खरना के दिन रात्रि में पूजा के बाद गुड़ व खीर खाती है। देश के कई स्थानों पर खरना को लोहंडा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन प्रात: स्नान आदि से मुक्त होकर भगवान सूर्य की पूजा अर्चना की जाती है और पूरे दिन निर्जला व्रत रखती है शाम के समय पूजा में खीर व गुड़ की रोटी बनाई जाती है। जिसे रसिया के नाम से जाना जाता है जो प्रसादन मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ीयों से पकाया जाता है।
चैती छठ शुभ मुहूर्त 2022
यदि आप भी चैती छठ महापर्व का व्रत रखा है तो आपको 07 अप्रैल 2022 गुरूवार के दिन 05:30 मिनट पर सूर्यास्त हो जाएगा। और आप इसी समय भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य दे सकती है क्योंकि इस पर्व वाले दिन व्रत रखने वाली सभी औरते डूबते हुऐ सूर्य को अर्घ्य देती है। तथा दूसरे दिन अर्थात् 08 अप्रैल 2022 को प्रात: 06:40 मिनट पर सूर्य उदय होगा आप उस समय स्नान आदि से मुक्त होकर भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य दे सकती है। क्योंकि यह दिन इस महापर्व का अंतिम दिन होता है जो की उगते हुऐ सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त किया जाता है।
यमुना छठ 2022। Yamuna Chhath in Hindi
प्यारे भाई व बहनों हमारा देश भारत त्यौहारो का देश कहलाता है क्योंकि यहा हर दिन या तो व्रत या फिर त्यौहार से जुड़ा हुआ रहता है। और आज के इस छोटे से लेख में हम आपको यमुना छठ की पूजा के बारें में बताएगें जिसका अधिक महत्व मध्य भारत के कई राज्यों में है। भारत मेें यमुना छठ को कई स्थानों पर यमुना जयंती Yamuna jayanti 2022 के नाम से जानते है और इसे जयंती के रूप में मनाते है। यदि आप यमुना छठ का व्रत रखती है तो लेख में नीचे दी गई व्रत कथा व पूजा विधि को पढ़कर अपना व्रत पूर्ण कर सकती है।
यमुना छठ पूजा 2022 (Chhath Puja )
पुराणों व वेदों के अनुसार यमुना जी का उदगम (प्रक्रट) चैत्र शुक्लपक्ष की छठ (षष्ठी) को हिमाचल प्रदेश के उत्तरकाशी जिले के गढ़वाल मेें हुआ था। जो भारत के कई राज्यों में बहती हुई अंत में प्रयाग (प्रयागराज) में जाकर गंगा नदी में मिल जाती है। इस नदी के किनारे बहुत से शहर व ऐतिहासि इमारते बनी हुई है जैसें- काशी, दिल्ली, आगरा, लालकिला, ताजमहल आदि। इसी लिए इस दिन यमुना जयंती मनाई जाती है तथा यमुना माता की पूजा की जाती है और सुहागन औरते व्रत रखकर पूजा आदि करती है। पौराणिक मान्यताओं के तहत देवी यमुना जी भगवान सूर्य देव की पुत्री और शनिदेव व यमराज की बहन है। तथा कई जगह पर उल्लेख मिलता है की भगवान श्री कृष्ण जी ने यमुना जी से विवाह किया था।

यमुना छठ कब है (Chhath Puja )
यमुना छठ पूजा प्रतिवर्ष चैत्र महीने की शुक्लपक्ष की षष्ठी को किया जाता है जो की इस वर्ष 07 अप्रैल 2022 गुरूवार के दिन रखी जाएगी। वर्ष 2022 में यमुना छठ को विशेष महत्व बताया गया है क्योकिं इस बार यह चैत्र नवरात्रि त्यौहारों Navratri Festival के मध्य में पड़ रही है। अर्थात यमुना छठ व्रत वाले दिन नवरात्रि षष्ठी Chaitra Navratri 2022 की देवी कात्यानी की पूजा अर्चना की जाती है।
यमुना छठ 2022 की शुरूआत 06 अप्रैल 2022 बुधवार के दिन शाम के 06:01 मिनट पर हो जाएगी। और 07 अप्रैल को रात्रि के 08:32 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। आप इस समय के बीच में यमुना नदी की पूजा कर सकते है।
आज के इस लेख में आपको छठ पूजा व यमुना छठ Chhath Puja के बारें में जानकारी प्रदान की है। आपको अच्छी लगी तो लाईक करें व अपने मिलने वालो के पास शेयर करे। और प्रश्न है तो कमेंट करके जरूर पूछे।
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