Holi Festival 2022 Wishes in Hindi | होली का पर्व क्यों मनाया जाता है जानिए | Holi Festival 2022 | होली का पर्व क्या है | Holi Festival Image | होली का पर्व कैसे मनाते है | Holi Background in Hindi | | Holi ka Damal | होली 2022 | Holi ke Nibandh | होली की शुभकामनाए संदेश हिंदी में | Holi Festival in Rajasthan | होली रंग | Holi Celebration 2022 | Holi Colors in hindi
प्यारे साथियों होली का त्यौहार प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन धूम-धाम से मनाया जाता है। जो की इस वर्ष 17 मार्च 2022 गुरूवार के दिन मनाई जाएगी। इस खास त्यौहार की शुरूआत आठ दिन पहले अर्थात होलाष्टक के दिन से हो जाती है। कहा जाता है की होलाष्टक का पर्व शुरू होने पर कोई भी व किसी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। वैसे तो हमारा देश त्यौहारो का देश कहलाता है यहा आऐ दिन कुछ खास जरूर होता है जैसे होली, दिपावली, दशहरा, रक्षाबंधन, तीज, गणगौर आदि। किन्तु Holi का पर्व कुछ स्पेशल ही होता है। जानने के लिए लेख के अंत तक बने रहे।
होली का पर्व क्या है
सनातन धर्म में यह बहुत बड़ा त्यौहार होता है जो बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया जाता है यह त्यौहार तो ऐसा त्यौहार है की सभी के जीवन में खुशिया भर देता है। क्योंकि इस दिन सभी व्यक्ति एक-दूसरे की नफरत को भुलाकर रंगो की होली खेलते है। अर्थात एक दूसरे के गालो पर गुलाल लगार खुशिया जाहिर करते है और धूमधाम से होली का पर्व मनाते है। साथ ही यह त्यौहार यह दर्शाता है की आखिरकार बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। जिस कारण यह एक सामाजिक पर्व है और इसे रंगो का त्यौहार भी कहा जाता है इस खास पर्व को सभी वर्णो के लोग आपसी भेदभाव मिटाकर बड़े उत्साह के साथ गुलाल लगाते हुए होली का पर्व मनाते है।
होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है

यह खास पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनया जाता है क्योंकि इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी। जिस कारण लोगो ने गुलाल व रंग लगाकर एक-दूसरे के साथ खुशिया मनाई थी। इस पर्व का विशेष सम्बन्ध भक्त प्रह्लाद से जुडा हुआ है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार राजा हिरण्यकशिपु भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए अनेक उपाय किया किन्तु वह सभी में असफल रहा। राजा हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को अग्नि में न जलने का वरदान मिला हुआ था। यही सोचकर राजा ने लकडि़यों का बड़ा ढेर लगवया और उसमे आग लगवा दी, जिसके बाद भक्त प्रह्लाद व उसकी बुआ होलिका को उस जलती हुई आग पर बिठा दिया। किन्तु भगवान की कृपा से भक्त प्रह्लाद को बच गया किन्तु उसकी बुआ होलिका आग में जलकर भस्म हो गई। तभी से भक्त प्रह्लद की समृति में तथा आसुरी प्रवृत्ति के नाश हेतु यह पर्व प्रतिवर्ष Holi Festival धूमधाम से मनाया जाता है।
कैसे मनाते है होले का त्यौहार
इस पर्व वाले दिन सायंकाल के बाद भद्रा रहित लग्न में होलिका दहन किया जता है इस अवसर पर लकडि़यों तािा घास-फूस का बड़ा सारा ढेर लगाकर होलिका की पूजा की जाती है। जिसके बाद उसमें आग लगा दी जाती है। इस जलती हुई अग्नि में सभी व्यक्ति अनाज को भुनते है और ग्रहण करते है ऐसा करना शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार प्रतिपदा, चतुर्दशी, भद्रा वाले दिन होली दहन का विधान नहीं है।

रंगो की होली
प्यारे दोस्तो होली पर्व के दूसरे दिन अर्थात चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को रंगो का त्यौहार मनाया जाता है। जिसे धूलिका पर्व भी कहा जाता है। जो की इस वर्ष 18 मार्च 2022 शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। इस पर्व वाले दिन होली की अवशिष्ट राख (होली दहन की राख) वंदना की जाती है। इस राख को मस्तक पर लगाकर एक-दूसरे के गले मिलते है जिसके बाद गुलाल, रंग, कुमकुम आदि की वर्षा करते है। बच्चें अपनी-अपनी पिचकारीयों में रंग भरकर एक दूसरे के ऊपर छोड़ते है। तथा बहुत से बच्चे गुब्बारों में रंग भरकर एक-दूसरे के ऊपर फोड़कर Holi Festival की शुभकामनाए देते है।

होली की शुभकामनाए
इस पर्व के पावन अवसर पर सभी एक-दूसरे के घर जाकर व मोबाइल, संदेश के जरिए होली की शुभकामनाए देते है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे होली का पर्व हमारे देश भारत के अवाला भी कई अन्य देशों में धूम-धाम से खेला जाता है। जो है- स्पेन, नेपाल, रोम, अफ्रीका, म्यांमार आदि।

आज के इस लेख में आपको होली के पर्व Holi Festival के बारें में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य बताया गया है। जिसे सभी के पास साझा करे और किसी प्रकार का मन में प्रश्न है तो कमेंट करके जरूर पूछे। धन्यवाद
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