Jaya Parvati Vrat Katha in Hindi~ जया पार्वती व्रत की कथा एवं पूजा विधि, शुभ मुहूर्त

Jaya Parvati of Vrat Katha Puja Vidhi in Hindi:- हिन्‍दु धर्म में अधिकतर व्रत महिलाऐं अपने पति की लम्‍बी आयु की कामना करने के लिए करती है जिनमें से प्रमुख जया पार्वती व्रत है। यह व्रत आषाढ़ मास की शुक्‍ल पक्ष के 13वें दिन से प्रारंभ होकर कृष्‍ण पक्ष की तृतीया का पूरा होता है जो पूरे 5 दिन तक लगातार महिलाओं के द्वारा किया जाता है। आइए आज इस आर्टिकल में जानते है की जया पार्वती व्रत क्‍या, व्रत नियम का पालन कैसे करें।

जया पार्वती व्रत मुख्‍य रूप से गुजरात राज्‍य में मनाया जाता है पर अन्‍य कई राज्‍यों में भी इस व्रत की परंपरा होती है। इस दिन विवाहित महिलाए और नौजवान लड़की रखकर माता पार्वती व भगवान भोले शंकर से अपने पति की लम्‍बी आयु की कामना करती है। जो कुवारी लड़की है वो अच्‍छे/सर्वगुण सम्‍मपन पति की इच्‍छा रखकर जया पार्वती का व्रत हर साल रखती है।

जया पार्वती व्रत का महत्‍व/Jaya Parvati Vrat ka Mahavta

पौराणिक परपंराओं के अनुसार जया पार्वती का व्रत कुवारी कन्‍याऐ अच्‍छा वर हेतु. विवाहित महिलाए अपने-अपने पति की लम्‍बी उम्र की कामना हेतु रखती है। कहा जाता है की यह व्रत सर्वप्रथम भगवान विष्‍णु जी ने माता लक्ष्‍मी जी को बताया था। अब प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्‍ल त्रयोदशी से लेकर तृतीया तक किया जाता है.जिस प्रकार मालवा क्षेत्र में गणगौर, हरतालिका तीज, मंगला गौरी व्रत इत्‍यादि करती है उसी प्रकार जया एकादशी का व्रत किया जाता है।

Jaya Parvati Vrat Katha in Hindi

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जया पार्वती व्रत कब है/Jaya Parvati Vrat Kab Hai

हिन्‍दी पंचाग के अनुसार Jaya Parvati Vrat हर साल आषाढ़ मास की शुक्‍ल पक्ष की त्रियोदशी से लेकर कृष्‍ण पक्ष की तृतीया तक किया जाता है। जो लगाता 5 दिन का व्रत होता है बात करें इस साल की तो जया पार्वती व्रत 01 जुलाई 2023 शनिवार से प्रारंभ होकर 06 जुलाई 2023 गुरूवार तक है।

जया पार्वती व्रत पूजा विधि/Jaya Parvati Vrat Puja Vidhi

व्रत वाले दिन रोजाना प्रात:काल जल्‍दी उठकर स्‍नान आदि से निर्वत होना है। उसके बाद सत्‍यनारायण को जल अर्पित करके पीपल व तुलसी के वृक्ष में भी पानी चढ़ा सकते है। व्रत के प्रथम दिन ज्‍वार (गेहूं की बाली) को किसी बर्तन में रखकर घर के मंदिर में स्‍थापित करें। उसके बाद रूई की माला बनानी पड़ती है जिसे नागला कहा जाता है इसी प्रकार पांच दिन तक ज्‍वार के बर्तन में पानी चढ़ाए, रोली, फूल, माला, अक्षत आदि चढ़ाई। उसके बाद जया पार्वती व्रत की था अवश्‍य सुने

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जया पार्वती व्रत कथा/Jaya Parvati Vrat Katha in Hindi

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक समय कौडिन्‍य नाम का नगर हुआ करता. जहा एक बहुत विद्धान/योग्‍य ब्राह्मण रहा करता था। ब्राह्मण की पत्‍नी का नाम सत्‍या था.ब्राह्मण के घर में किसी प्रकार (धन-धान्‍य) की कोई भी कमी नहीं थी। बस सिवाय एक कमी जो थी. संतान की उनके यहा कोई संतान नहीं थी. जिस कारण वो पति‍ व पत्‍नी बहुत दु:खी रहते। एक दिन देवर्षि नारद जी उनके यहा आए. ब्राह्मण व उसकी पत्‍नी ने बहुत आदर सत्‍कार किया।

उनकी इस सेवा भाव से प्रसन्‍न होकर नारद जी बोले मांगो क्‍या मांगते हो, तब दोनो पत्‍नी व पति ने कहा की हमारे पास किसी प्रकार की कोई समस्‍या या दु:ख नहीं है। बस हमारे यहा कोई भी संतान नहीं है उनके पूछने पर देवर्षि नहे कहा की तुम्‍हारे नगर से बाहर एक घना वन है। उस वन के दक्षिणी भाग में बिल्‍व नाम वृक्ष के नीचे भगवान शिवजी और माता पार्वती की लिंगरूप में विराजमान है।

तुम दोनो उनकी सेवा पूरी श्रद्धा भाव से करते है तो अवश्‍य ही माता पार्वती तुम्‍हारी मनोकामना पूरी होगी। उसके बाद दोनो पती व पत्‍नी ने उस घने वन में जाकर उस शिवलिंग को ढूंडा और रोजाना उसकी विधि-विधान सहित पूजा-अर्चना करी। इसी प्रकार दोनो को पूजा हुऐ पूरे 5 साल बीत गए. एक दिन ब्राह्मण पूजा के लिए पुष्‍प चुन रहा था. तभी अचानक उसे एक सांप ने काट लिया।

ब्राह्मण जब बहुत देर तक पूजा के लिए नहीं पहुंचा तो तो उसकी पत्‍नी बड़ी चितित हुई और पति को ढूढ़ने के लिए वन में इधर-उधर भटकने लगी। और जोर से रोने लगी. माता पार्वती का स्‍मरण किया। उसकी उस श्रद्धा भावा से पुकार सुनकर भगवान शिवजी और माता पार्वती दोनो वहा चले आए और उस ब्राह्मण के मुख में अमृत डाल दिया। जिसके बाद वह दुबारा से जीवित हो उठा. ब्राह्मण व उसकी पत्‍नी के द्वारा की गई इस सेवा भाव से प्रसन्‍न होकर वर मांगने को कहा।

दोनो ने कहा हे माता हमारे पास किसी प्रकार की धन-संपति की कमी नहीं है पर एक संतान की कमी है। तब माता पार्वती ने दोनो को संतान होने का आशीर्वाद दिया. पूरे 9 महिने के बाद उनके यहा एक पुत्र ने जन्‍म लिया। इसी प्रकार जो भी महिलाए व कुवारीं कन्‍याऐं जया पार्वती का व्रत रखती है तो उनकी सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है।

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आज आपको इस आर्टिकल में जया पार्वती व्रत के बारें में बताया है जो केवल पौराणिक मान्‍यताओं व कथाओं के आधार पर लिखा है। आपको बताना बहुत जरूरी है की Onlineseekhe.com किसी भी तरह की मान्‍यता की पुष्टि नहीं करता है। इसीलिए आप अधिक गहराई से जानकारी पढ़ने व जानने के लिए किसी संबंधित विशेषज्ञो से सलाह अवश्‍य ले। धन्‍यवाद

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