Mangla Gauri Vrat : सावन में मंगला गौरी व्रत कब-कब है जानिए पूरी जानकारी

Mangla Gauri Vrat:- श्रावण के महिने में जिस प्रकार शिवजी को प्रसन्‍न करने के लिए सावन सोमवार का व्रत किया जाता है उसी प्रकार माता पार्वती का प्रसन्‍न करने के लिए सावन के हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत का पालन किया जाता है। आइये जानते है यह व्रत कब-कब है और इसका शुभ मुहूर्त व इसका पालन कैसे करें-

Mangla Gauri Vrat

Sawan Mangla Gauri Vrat:- दोस्‍तो जैसे शिव पूा के लिए सावन का हर सोमवार बहुत खास होता है उसी प्रकार सावन का हर मंगलवार भी माता पार्वती के लिए बहुत खास होता है। मान्‍यताओं के अनुसार सावन महिने का हर मंगलवार माता पार्वती का समर्पित होने के कारण इसे मंगला गौरी व्रत कहा जाता है। यह व्रत वैवाहित महिलाए अपने पति व पुत्र की लम्‍बी आयु की कामना हेतु रखती है

कहा जाता है पति व पत्‍नी दोनो एक साथ सावन में भगवान शंकर जी व माता पार्वती की पूजा करते है तो उनकी हर इच्‍छा पूर्ण होती है। उनके जीवन में सुख-शांति सदैव बनी रहती है इस बार सावन का महिना 04 जुलाई 2023 सोमवार के दिन से शुरू हो रहा है और इस दिन पहला सावन सोमवार व्रत (Sawan Somwar Vrat) होगा. जिसके दूसरे दिन मंगला गौरी का व्रत‍ पहला व्रत है।

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मंगला गौरी व्रत का महत्‍व/Mangla Gauri Vrat Mahatva

  1. पुराणी मान्‍यताओं के तहत मंगला गौरी का व्रत रखने से महिला के पति की लंबी आयु. वह अखंड सौभाग्‍यती रहती है।
  2. साथ ही दांपत्‍य/वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्‍या दूर हाेकर हमेशा खुशहाल जीवन बना रहता है।
  3. कहा जाता है जो महिलाए संतानहीन, उनको अभी तक कोई संतान नहीं हुई, तो मंगला गौरी का उपवास रखने से यह मनोकामना भी पूरी होती है।
  4. जो कुवारीं लड़की मंगला गौरी का व्रत रखती है तो उसे देवी पार्वती की कृपा से अच्‍छा वर मिलता है

मंगला गौरी का व्रत कब-कब है/Sawan Mangla Gauri Vrat kab Hai

हिन्‍दी पंचाग के अनुसार श्रावन पाचंवा महिना है और यह बहुत ही पवित्र व महत्‍वपूर्ण महिना होता है। इस महिने में चारो ओर हरियाली ही हरियाली और तीज, रक्षाबंध जैसे पवित्र त्‍यौहार भी आते है। सावन में हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत किया जाता है बताया जा रहा है इस वर्ष श्रावन 2 है मतलब यह महिना 60 दिन का होने के कारण दो श्रावन है। जिस कारण इस महिने को अधिक मास कहा जाता है

  • पहला मंगला गौरी व्रत:- 04जुलाई 2023
  • दूसरा मंगला गौरी व्रत:- 11 जुलाई 2023
  • तीसरा मंगला गौरी व्रत:- 22 अगस्‍त 2023
  • चौथा मंगला गौरी व्रत:- 29 अगस्‍त 2023

सावन (अधिक मास) में पड़ने वाले मंगला गौरी व्रत कब-कब है/Sawan Adhik Maas Mangla Gauri Vrat Kab Hai

इस बार दो सावन होने के कारण इसे अधिक मास कहा जाता है इस महिने में पड़ने वाले मंगला गौरी के व्रत कुल 5 है। कई बार सावन के महिने में मंगला गौरी का व्रत 4 बार या फिर 5 बार आता है। जो कि निम्‍नलिखित है-

  • पहला मंगला गौरी व्रत:- 18 जुलाई 2023
  • दूसरा मंगला गौरी व्रत:- 25 जुलाई 2023
  • तीसरा मंगला गौरी व्रत:- 01 अगस्‍त 2023
  • चौथा मंगला गौरी व्रत:- 08 अगस्‍त 2023
  • पांचवा मंगला गौरी व्रत:- 15 अगस्‍त 2023

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मंगला गौरी व्रत पूजन सामग्री/Mangla Gauri Vrat Puja Samagri List

मंगला गौरी पूजा के लिए निम्‍नलिखि सामग्री आवश्‍य है जो की इस तरह से लिखी हुई है नीचे-

  • चौकी, पाटा, बजोट, तीनो में कोई एक
  • गेहूं, चावल
  • सफेद व लाल रंग का कपड़ा एवं कलश
  • आटै का चौ मुखी दीपक, अगरबत्ती, धुपबत्ती, कपूर
  • 16 तार वाली बाती
  • मिट्टी (माता गौरी की प्रतिमा बनाने के लिए)
  • जल, दूध पंचामृत (दही, दूध, शहद, घी, शक्‍कर) अभिषेक के लिए
  • माता पार्वती के लिए वस्‍त्र व सुहाग पिटारी (सिंधूर, मेंहदी, कंघा, तेल, शीशा, टीकी, काजल आदि)
  • पूजा सामग्री (रोली-मौली, चावल, अबीर, गुलाअ, काजल आदि)
  • 16 प्रकार के पुष्‍प व फल, पत्ते व आटे की लाड्डू आदि

मंगला गौरी व्रत पूजा विधि/Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi

मंगला गौरी व्रत नियम का पालन करने वाली स्त्रियों को सावन के महिने में प्रत्‍येक मंगलवार को प्रात:काल जल्‍दी उठकर स्‍नान आदि से निर्वत होना है। जिसके बाद लाल, गुलाबी, नारंगी, पीले व हरे रंग के साफ वस्‍त्र धारण करें। घर के मंदिर के पास पूर्व दिशा की ओर चौकी की स्‍थापना करके उस पर लाल रंग का वस्‍त बिछाए। जिस पर माता पार्वती की मिट्टी से बनी मूर्ति को स्‍थापित करें और ”मम पुत्रापौत्रासौभाग्‍यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्‍यर्थ पंचवर्षपर्यन्‍त मंगलागौरीव्रतमहं करिष्‍रूे” मंत्र का जाप करें।

माता के 16 श्रृंगार की सामग्री, सूखे मेवे, नारिय, लौंग, सुपारी आदि चढ़ाकर विधि से पूजा करें। उसके बाद जो श्रृंगार का समान है उसे किसी सुहागिन महिला या ब्राह्मणी को दे. उसके बाद मंगला गौरी व्रत कथा सुने। इस प्रकार आप सभी मंगला गौरी व्रत का पालन कर सकती है।

मंगला गौर व्रत का उपाइय/Mangal Gauri Vrat Upay

जिस प्रकार सावन का सोमवान शिवजी को प्रसन्‍न करने के लिए किया जाता है उसी प्रकार सावन महिने के हर मंगलवार का व्रत माता पार्वती को प्रसन्‍न करने के लिए किया जाता है। इस व्रत के निम्‍नलिखित उपया है जो की इस प्रकार है-

  • व्रत वाले दिन माता गौरी की पूजा के दौरान आपको श्री मंगला गौरी का मंत्र ”ओम गौरीशंकराय नम:” का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का उच्‍चारण करने से माता पार्वती अति प्रसन्‍न होती है।
  • सावन महिने में पड़ने वाले हर मंगलवार को व्‍यक्ति मंगलागौरी व्रत करता है तो उसके सभी मंगल दोष दूर हो जाते है और मंगलवार के दिन राम भक्‍त हनुमान जी रूद्रावतार का आशीर्वाद मिलता है।
  • कहा गया है इस दिन गौरी माता की पूजा के साथ-साथ रामचरितमानस व सुंदरकांड का पाठ करें तो माता पार्वती व हनुमान जी की कृपा होती है।
  • मान्‍यताओं के अनुसार मंगला गौरी व्रत की पूजा करने के बाद आप किसी जरूरतमंद को खाना, लाल मसूर की दाल, लाल रंग का वस्‍त्र आदि का दान करते है तो आपकी कुंडली में से मंगल दोष का साया सदैव समाप्‍त हो जाता है।

Disclaimer: आज आपको मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) के बारें में कुछ महत्‍वपूर्ण जानकारी प्रदान की है जो केवल मान्‍यताओं, पंचाग के आधार पर लिखी है। आपको यह बताना बहुत आवश्‍यक है की Onlineseekhe.com किसी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है। अत: डिटेल से जानने के लिए किसी संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्‍य ले.

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