Parama Ekadashi Vrat Katha in Hindi~परमा एकादशी व्रत कथा जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

Parama Ekadashi Vrat Katha in Hindi:- सनातन धर्म में जो भी महिला व पुरूष एकादशी का व्रत रखते है उनके लिए इस साल बड़े ही सौभाग्‍य की बात है। इस बार उनको 19 साल के बाद अधिक मास/पुरूषोत्तम मास में कृष्‍ण पक्ष की परमा एकादशी का व्रत करने का सौभाग्‍य मिल रहा है। कहा जाता है इस दिन भगवान विष्‍णु जी की पूजा करने से दुर्लभ सिद्धियों की प्राप्ति होती है। आइये जानते है परमा एकादशी व्रत कथा के बारें में डेट, महत्‍व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि…

Parama Ekadashi

परमा एकादशी व्रत:- यह एकादशी अधिक मास/पुरूषोत्तम मास में ग्‍यारस को आती है इस साल सावन का महिना दो बार पड़ रहा है जिसमें एक अधिकमास होने से दो एकादशी ओर है। इस साल सावन के महिने में कुल चार एकादशी का व्रत पड़ रहा है जो अति ही शुभ माना जा रहा है यह एकादशी धन की दाता, सुख ऐश्रवर्य की जननी, दुख दरिद्रता की दमन करने वाली एकादशी है।

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परमा एकादशी का महत्‍व/Parama Ekadashi Vrat ka Mahavta

परमा एकादशी सनातन धर्म की प्रमुख एकादशीयों में से एक है ऐसा माना जाता है की इस व्रत के फल से मनुष्‍य को जीवन व मृत्‍यु के चक्र से मुक्ति‍ मिल जाी है। इसके अलावा यह भी बात मानी जाती है की परमा एकादशी व्रत के प्रभाव से अपने पूर्वजों की आत्‍मा को शांति मिलती है। पुराण के अनुसार यह व्रत कुबेर जी ने किया और आज वो धन के स्‍वामी कहे जाते है.

यह ग्‍यारस अधिकमास जिसे पुरूषोत्तम मास भी कहा गया, कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को किया जाता है ऐसा माना गया की इस व्रत के दिन जाे श्रद्धालु भगवान विष्‍णु जी की पूजा करता है उसे दुर्लभ सिद्धिया प्राप्‍त होती है। इसीलिए इसे परम दुर्लभ सिद्धियों की दाता होने का अभाव दिया गया जिस कारण इसे परमा एकादशी भी कहा गया है।

परमा एकादशी कब है/Parama Ekadashi Vrat Kab Hai

Parma Gyaras- परमा ग्‍यारस व्रत हर साल नहीं आती है यह तो पुरूषोत्तम मास यानी अधिक मास महिने की कृष्‍ण पक्ष में आती है। जो इस साल 12 अगस्‍त 2023 शनिवार के दिन पड़ रही है। इस साल दो एकादशी सावन महिने की और दो एकादशी अधिकमास की है तो ऐ सभी मिलकर कुल चार एकादशीया हुई है।

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अधिकमास एकादशी शुभ मुहूर्त/Parama Gyaras Shubh Muhurat

  • परमा एकादशी तिथि आरंभ:- 11 अगस्‍त 2023 को प्रात: 05:06 तक
  • परमा एकादशी तिथि समाप्‍त:- 12 अगस्‍त को 06:31 पर
  • परमा एकादशी व्रत:- 12 अगस्‍त 2023 शनिवार का

परमा एकादशी व्रत पारण समय

इस साल कुल 26 एकादशी पड़ रही है जिसमें अधिकमास की एकादशी भी शामिल है परमा एकादशी व्रत का परण आप 13 अगस्‍त 2023 रविवार को प्रात: 06:00 से लेकर 08:20 मिनट तक लगभग कर सकते है।

परमा एकादशी व्रत पूजा विधि /Parama Gyaras Vrat Puja Vidhi

  • व्रत करने वाले को प्रात:काल जल्‍दी उठकार स्‍नान आदि से मुक्‍त होकर साफ वस्‍त्र धारण करना है।
  • बाद में सूर्य भगवान को जल अर्पित करके परमा एकादशी व्रत का संकल्‍प करें और भगवान विष्‍णु जी का मंत्र का उच्‍चारण करें।
  • उकसे बाद आपकाे भगवान विष्‍णु जी की पूजा ( नैवेद्य, पुष्‍प, फल, सुगध, दीपक, जल, पंचामृत, कपूर, माला आदि) से विधिवत पूजा करें।
  • जिसके बाद आपको भवगान विष्‍णु जी की आरती करे और उनके नाम का मंत्र उच्‍चारण अवश्‍य करें।
  • इसी दौरान आपको एकादशी व्रत कथा का पाठ करना होगा।
  • दूसरे दिन ब्रह्मण को भोजन करवाकर यथा शक्ति दान दक्षिणा देकर अपने व्रत का पारण करें।

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परमा एकादशी व्रत कथा/Parama Ekadashi Vrat Katha in Hindi

एक समय में काम्पिल्‍य नगरी में सुमेधा नामक एक अत्‍यंत धर्मात्‍मा ब्राह्मण निवास करता था। ब्राह्मण की पत्‍नी बहुत सुंदर व अति पतिव्रता व पवित्र नारी थी, दोनो पति व पत्‍नी पुराने जन्‍म में करे हुए पाप के कारण इस जन्‍म में बहुत ज्‍यादा दरिद्रता वाला जीवन जी रहे थे। ब्राह्मण रोजाना भिक्षा मांगकर लाता है उसी से अपनी दाल रोटी पकाते थे, जब जाकर दोनो पति व पत्‍नी भोजन कर पाते थे। कई बार ताे ऐसा भी हुआ की ब्राह्मण को भिक्षा मांगने पर भिक्षा नहीं मिली, जिस कारण दाेनो पति व पत्‍नी को भूखा ही सोना पड़ा।

इतनी ज्‍यादा गरीबी होने पर भी ब्राह्मण व उसकी पत्‍नी घर आऐ हुए मेहमान को भूखा नहीं रहने देते और ना ही किसी भिक्षुक को खाली हाथ जाने देते। चाहे दोनो पति व पत्‍नी भुखे रहते पर किसी के द्वारा मांगी गई वस्‍तु को देने से पीछे नहीं हटते थे। इसी तरह ब्राह्मण के परिवार का जीवन व्‍यतीत हो रहा था, एक दिन ब्राह्मण ने अपनी पत्‍नी से कहा की हे प्रिय जब भी मैं भिक्षा लेने के लिए जाता हॅू तो धनवानो से धन की याचना करता है। पर सभी देने से इंकार कर देते है और बिना धन के गृहस्‍थ जीवन व्‍यतीत करना बड़ा कठिन होता है।

यदि तुम चाहो तो मैं परदेश जाकर अच्‍छा धन कमाऊ और अपने परिवार का भरण पोषण अच्‍छे से कर सकता हॅू, इस पर ब्राह्मण पत्‍नी ने जवाब दिया की मैं तो आपकी सभी बातों से सहमत हूं। उसके बाद उसने अपने पति से कहा की हे स्‍वामी मैं आपकी दासी हूं और इंसान जो भी दु:ख झेलता है वह अपने पुराने कर्मो के कारण झेलता है। जो कुछ भगवान ने हमारे भाग्‍य में लिख दिया है उसे कोई भी ना मेट नही कर सकता है।

इसलिए मैं आपसे विनती करती है की आप कही मत जाऔ और अपने इस भाग्‍य को भोगते रहिए। अपनी पत्‍नी की बात सुनकर ब्राह्मण परदेश नहीं जाता है और रोज की तरह भिक्षा मांगकर जीवन यापन करने लगता है। एक दिन उनके यहा पर महर्षि कौण्डिन्‍य जी आए, दोनो ने ऋर्षि को बहुत आदर सत्‍कार किया, जिससे महर्षि बहुत ज्‍यादा प्रसन्‍न हो गऐ। उसके बाद महर्षि को भोजन ग्रहण करवाकर खूब सेवा करी, इससे प्रसन्‍न होकर कौण्डिन्‍य जी ने कहा की तुम दोनो मांगो क्‍या वरदान मांगते हो।

इस पर दोनो पति व पत्‍नी ने कहा ही हम बहुत गरीब है तो कृपा करके आप हमारी इस दरिद्रता व गरीबी को दूर करें। तब ऋषि नहे कहा की तुम दोनो पति व पत्‍नी मलमास महिने में पड़ने वाली परमा एकादशी का व्रत रखो। तो तुम्‍हारी सभी मनोकामनाए अवश्‍य पूरी होगी, उसके बाद दोनो पतनी व पथ्‍त ने ऐसा किया और धरीे-धीरे उनकी स्थिति बहुत ज्‍यादा सही हो गई।

आज आपको इस आर्टिकल में परमा एकादशी के बारें में बताया है जो केवल पैराणिक मान्‍यताओं के आधार पर लिखा है। आपको यह बताना जरूरी है की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले किसी संबंधित विशेषज्ञ, विद्धान, पंडित से पूछे। इस प्रकार अन्‍य सभी एकादशी का व्रत के बारें में पढ़ना चाहते है तो लेख के साथ बने रहिए। और यदि आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्‍न है तो कमेंट बॉक्‍स में जरूर पूछे। धन्‍यवाद

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