PM PRANAM Yojana:- देश के किसानों के लिए केन्द्र सरकार रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए पीएम प्रमाण यानी कृषि प्रबंधन हेतु वैकल्पिक पोषक तत्तवों का संवर्द्धन (Promotion of Alternate Nutrients for Agriculture Management Yojana- PM PRANAM Yoajna) को शुरू किया है। आइय जानते है क्या है पीएम प्रमाण स्कीम और इसका फायदा क्या होने वाला है।

केन्द्र सरकार वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के साथ रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग बिल्कुम कम करने के उद्देश्य से देश के सभी राज्यों के किसान भाइयों को प्रोत्साहित कर रही है। उसके लिए पीएम प्रमाण स्कीम नाम की योजना को मंजूरी दे दी है जिसके तहत देश में 3.68 लाख करोड़ रूपये का परिव्वय के साथ यूरिया सब्सिडी योजना को मार्च 2025 तक शुरू करने का फैसला किया है।
पीएम प्रमाण योजना सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना साबित हो रही है जिससे सरकार जैविक खेती से उगने वाले उत्पादों की मार्केटिंग पर ज्यादा से ज्यादा जोर दिया जाएगा। इसका सीधा-साीधा फायदा देश के किसानों को मिलेगा आइए जानते है विस्तार से..
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PM PRANAM Yojana Details/पीएम प्रमाण योजना की जानकारी
योजना का नाम | पीएक प्रमाण योजना (PM PRANAM Scheme) |
किसने शुरू करी | केंद्र सरकार |
विभाग का नाम | उर्वरक विभाग |
उद्देश्य | रासायनिक उर्वरकों को कम करने के साथ वैकल्पिक उर्वरक को बढ़ावा देना है। |
लाभार्थी | देश के कृषक |
ऑफिशियल वेबसाइट | —————– |
क्या है पीएम प्रमाण योजना/PM PRANAM Scheme Kya Hai
केन्द्र सरकार की इस योजना के तहत देश में वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाने के साथ बढ़ावा देना है। बदले में रासायनिक उर्वरक/ पारंपरिक उर्वरक के उपयोग को कम से कम करना है। उसके लिए सरकार सब्सिडी बचत का देश के लगभग 50 प्रतिशत राज्यों का अनुदान के रूप में आवंटित करेगी। जो बचाई हुई उच्चतम धन की राशि को दर्शाता है
इस योजना के तहत दी जाने वाली 70 प्रतिशत राशि वैकल्पिक/ जैविक उर्वरक के तकरीकी एकीकरण से जुड़ी परिसंपत्तियों के निर्माण में होगी। इसके अलावा गांव , जिला, ब्लॉक स्तर पर वैकल्पिक उर्वरक की स्थापना का निर्देश दिया जाएगा। बची हुई 30 प्रतिशत राशि उपयोग किसानों, पंचायतो, स्वयं साहयात समूह आदि को प्रोत्साहित करने के लिए दी जाएगी।
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पीएम प्रमाण योजना का उद्देश्य/PM PRANAM Scheme
PM PRANAM Scheme काे देश में शुरू करने के पीछे सबसे बड़ा कारण, रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कम मात्रा में करना है। जिससे वैकल्पिक खेती को बढ़ावा मिलेगा और सरकार पर सब्सिडी का बोझ भी कम होगा। वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना, पर्यावरण के तहत कृषि को बढ़ावा देना, कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के दीर्घकालिन स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना है।
आप यह बात जानते है, की किसान अपनी खेती में रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल करता है जिससे उस जमीन की गुणवत्ता पूरी तरह खराब होती है। शायद ही यह पहली पर्यावरण अनुकूल कृषि तकनीकों को बढ़ावा देना है और प्राकृतिक संसाधनों की सरंक्षण की देशा में बहुत खास कदम रखती है। इससे किसान को फायदा होगा और उसकी आय में बढ़ोत्ती होगी.
देश में रासायनिक उर्वरक पर सब्सिडी का बोझ कम करना है जो 2022-23 में 2.25 लाख करोड़ रूपये तक पहुचाने का अनुमान था। साल 2021 में पीएम प्रमाण योजना के तहत 1.62 लाख करोड़ रूपये के ऑकड़े से 39 प्रतिशत अधिक है।
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पीएम प्रमाण योजना का लाभ/PM PRANAM Yoajna Benefits
- PM Pranam Yojana का अलग से कोई बजट नहीं है यह तो उर्वरक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत के लिए वित्तपोषित किया है।
- जिसमें सब्सिडी बचत का 50 प्रतिशत उस राज्य का उनुदान के रूप में होगा जो पैसा बचाता है।
- स्कीम के अंतर्गत दिया जाने वाल अनुदान राशि का 70 प्रतिशत गॉंव, ब्लॉक, जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरक के लिए होगा।
- शेष 30 प्रतिशत राशि का उपयोग किसानों, स्वयं सहायता समूहों, पंचायतों आदि के सम्मान में होगा।
आज आकपो केन्द्र सरकार द्वारा आरंभ की गई पीएम प्रमाण योजना के बारें में लिखा है जो ऑफिशियल नोटिश के आधार पर लिख है। इस प्रकार अन्य सभी राज्यों की स्कीम के बारें में पए़ना चाहते है तो वेबसाइट के साथ बने रहिए। यथा आपके मन में प्रश्न है तो पूछ सकते है नीचे कमेंट बॉक्स में धन्यवाद अब केवल इन महिलाओं को मिलेगा फ्री में स्मार्ट मोबाइल फोन जानिए
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