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What is Sanjhi Festival in Hindi | सॉंझाी का त्‍यौहार के बारे में सभी जानकारी पढ़े

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Sanjha Sanjhi Festival 2022:- प्‍यारे दोस्‍तो हमारे जो देश भारत है वह विभिन्‍नताओं को देश कहा जाता है वो इसलिए की यहा पर आये दिन कोई त्‍यौहार, लोकपर्व, व्रत आदि रीति-रीवाजों के साथ जुड़े होते है। और देश के विभिन्‍न क्षेत्रों में अनेक प्रकार के पर्व मनाऐं जाते है इन सभी त्‍यौहारो की जो परंपराऐं है वो भारतीय संस्‍कृति के अनुसार देशवासियों को एक-दूसरे की भावना के साथ जोड़कर रखती है। हमारे यहा बहुत से लोकपर्व,पर्व मनाये जाते है पर आज हम आपको सांझी पर्व के बारें में बताने जा रहे है जो एक तरह से लोकपर्व है।

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दोस्‍तो आपको बता दे सॉंझी का त्‍यौहार Sanjhi ka Festival एक लोक त्‍यौहार है। जो भारत के अधिकतर क्षेत्रों में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। यह पर्व प्रति वर्ष भाद्रपद महीने की कृष्‍णपक्ष की पूर्णमासी से शुरू होकर आश्रिवन महिने की कृष्‍णपक्ष की अमावस्‍या तक मनाया जाता है। इस वर्ष यह लोक पर्व 10 स‍ि‍तम्‍बर 2022 शनिवार के दिन से होकर 25 सितम्‍बर 2022 रविवार के दिन समाप्‍त होगा। खासतौर पर सॉझी का त्‍यौहार (Sanjhi ka Festival) राजस्‍थान, गुजरात, हरियाणा, मालवा, ब्रजप्रेदश, निमाड़, उत्तरप्रदेश आदि जगहो पर बडे ही हर्ष व उल्‍लास के साथ मनाया जाता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे मालवा व निमाड़ की लोक संस्‍कृति में इस पर्व को श्राद्ध पक्ष के लगातार 16 दिनो तक होने के कारण इसे सांझा पर्व कहते है। इस त्‍यौहार वाले दिन सॉंझी माता की पूजा की जाती है। जिसकी तस्‍वीर महिलाओ के द्वारा गाय के गोबर व मिट्टी को मिलाकर बनाई जाती है। तपश्‍चात मूर्ति का पूरा 16 श्रृंगार किया जाता है। जिसमें हार, चू‍ड़ी, सिन्‍दूर, कपड़, बिन्‍दी आदि से सजाया जाता है। ऐसे में आप भी सॉझी का त्‍यौहार (Sanjhi Festival in Hindi) मनाते है तो आर्टिकल में दि गई सभी जानकारी को पढ़कर आप अपना सॉंझी माता का त्‍याैहार अच्‍छे से मना सकते है।

Sanjhi Festival in Hindi, सांझी पर्व 2022
Sanjhi Festival in Hindi

सांझा सांझी पर्व का महत्‍व क्‍या है (Sanjhi Festival in Hindi)

मान्‍यताओं के अनुसार वैष्‍णव मंदिरों के माध्‍यम से 15वीं व 16वीं शताब्‍दी में इस पर्व की शुरूआत की गई थी। और आज भी वह परंपरा चली आ रही है मालवा व निमाड़ के क्षेत्रवासि इस लोकपर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। सांझी माता देवी पार्वती का स्‍वरूप है जिसका व्रत महिलाए अपने पति व पुत्र की लम्‍बी आयु की मनोकामना हेतु रखती है और और कुवांरी बालिकाएं अच्‍छा व योग्‍य वर पाने हेतु रखती है। इस दिन सभी महिलाएं व बालिकाएं एक साथ मिलकर मिट्ट, गोबर, फूल, पत्ती आदि से मिलकार सांझा व सांझी माता की प्रतिमा बनाती है और विधि अनुसार पूजा करती है।

सांझा त्‍यौहार तिथि 2022 (Sanjhi ka Festival)

यह जो लोकपर्व है वह भारत के कई क्षेत्रों जैसे- पंजाब, हरियाणा, हिमाचलप्रदेश, गुजरात, राजस्‍थान, दिल्‍ली, उत्तरप्रदेश, मध्‍यप्रदेश आदि राज्‍यो में इस पर्व को आश्विन माह की शुक्‍लपक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। सांझी पर्व को महिलाऐं व सभी कुंवारी कन्‍याए बडी धूम-धाम से मनाकर अपनी इच्‍छा प्रकट करती है। जो इस बार 10 सितम्‍बर से शुरू होकर 25 सितम्‍बर तक सांझी पर्व को मनाया जाएगा।

  • इस दिन महिलाऐं व सभी कुंवारी लडकियॉं घरों में सॉंझी का पूजन करती है
  • दीवार पर गोबर व मिट्टी से सॉंझा व सॉंझी की मूर्ति बनाकर उसका भोग लगाते है।
  • इसके बाद पन्‍द्रवें दिन अमावस्‍या को गोबर से विशाल कोट बनाकर पूजन करना चाहिए।
  • यदि किसी लड़की की शादी हो जाए तो वह शादी के वर्ष में ही 16 कोटों की 16 घर जाकर पूजा करके भोग लगाए।
  • यह सब करने से लड़कियों की सभी मनोकामनाऍं पूर्ण होती है।

सांझी त्‍यौहार 2022 (Sanjhi Festival Date in Hindi)

साथियों जो सांझा पर्व होता है उसे पितृपक्ष के दिनों में मनाया जाता है तो वही सांझी के त्‍यौहार को शारदीय नवरात्रि के दिनों में मनाया जाता है। सांझी पर्व की शुरूआत आश्रिवन मास की शुक्‍ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर नवमी तक धूम-धाम से मनाया जाता है। जो इस बार 26 सितम्‍बर 2022 सोमवार से शुरू होकर 04 अक्‍टूबर 2022 मंगलवार तक मनाया जाएगा। इस पर्व वाले दिन कुवांरी कन्‍याऐं व्रत रखती है और सांझी माता की पूजा-अर्चना करती है।

पिठोरी अमावस्‍या 2022

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सॉझी माता का गीत (Sanjhi Mata ka Geet)

पूजा आदि करने के बाद सॉंझी माता का गीत गाया जाता है जो कि इस प्रकार है:-

सॉंझा लाल बनरा को चाले रे बनरा टेसुरा, बनरी से क्‍या-क्‍या लाऐ रे। बनरा टेसुरा…….

माया कू हँसला, बहिन कू ता कठला, तो गोरी धन कारी कंठी लाये रे। बनरा टेसुरा……..

माया वाकी हँसे, बहिन वाकी खिलकै, तो गोरी धन रूठी मटकी डोले रे। बनरा टेसुर………..

माया पैसे छीनौ बहिन पैसे झपटी तो, गोरी धन लै पहरायो रे। बनरा टेसुरा……..

माया वाकी रोवे बहिन वाकी सुबके, तो गोरी धन फूली न समाऐ रे। बनरा टेसुरा……….

दूसरा गीत (Sanjhi Mata Katha)

आरता ए आरता संझा माई आरता, आरता के फूल चमेली की डाल्‍ही, नौ-नौ नोरते दुरगा माई के, सोलां कनागत पितरां के।।

जाग सॉंझी जाग तेरे मात्‍थे लाग्‍या भाग,, पीली-पीली पट्टिआं सदा सुहाग, सांझी ऐ के ओढैगी के पहरैगी क्‍यांहे की मांग भरावैगी। Sanjhi ka Festival

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स्‍यालू ओढ़ूगी मिसरू पहरूंगी मोतिआं की मांग भराऊंगी, सूच्‍चयां का जूडा जड़ाऊंगी धूधाए कै ओढैगी के पहरेगी।।

क्‍यांहे की मांग भरावेगी क्‍यांहे का जूडा ए जड़ावैगी, गूदड़ औढूगी खादड़ पहरूंगी देयी की मांग भराऊंगी ल्‍हीखा का जूडा ए जड़ाऊंगी।।

सांझी माता कथा (Sanjhi Festival Story in Hindi)

Sanjhi Festival in Hindi:- पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार सांझी की प्रथा भी बहुत पुरानी व लोकप्रिय कहानी है इससे जुड़ कई प्रकार की कहानी है जो अगल-अलग क्षेत्रों से जुड़ी हुई है उनमें से एक यह भी है। सांझी माता को माता दुर्गा/पार्वती जी का स्‍वरूप माना गया है और कई स्‍थानों पर इनको विवाहित ब्राह्मणी का कहा गया है तो कही पर अछूज जाति में जन्‍मी कहा गया है। ऐसा सुनते आ रहे है की सांझी माता की शादी के बाद ही उनकी मृत्‍यु हो गई थी इसी लिए यह किसी अछूज जाति से संबंधित भी हो सकती है।

दोस्‍तो आज के इस लेख में आपको सॉंझी त्‍यौहार (Sanjhi Festival in Hindi) के बारे में जानकारी प्रदान की है जो देश का एक लोकपर्व है। यह जानकारी हमने केवल पौराणिक मान्‍यताओं व काल्‍पनिक कथाओं के माध्‍यम से बताई है। हमारे द्वारा लिखा आर्टिकल आपको पंसद आया तो लाईक करे साथ ही सभी के साथ शेयर करें। इसके अलावा आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्‍न है तो आप कमेंट करके पूछ सकते है। धन्‍यवाद

3 thoughts on “What is Sanjhi Festival in Hindi | सॉंझाी का त्‍यौहार के बारे में सभी जानकारी पढ़े”

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