Tara Bhojan Vrat 2021 | तारा भोजन व्रत कब से प्रारंभ है जाने यहा से

Tara Bhojan Vrat 2021:- दोस्‍तो कार्तिक मास के प्रारंभ से लेकर पूर्ण माह तक व्रत करते है। इस पूरे महीने में व्रत रखने वाले स्‍त्री व पुरूष को रात्रि के समय तारों को अर्घ्‍य देकर भोजन करना होता है। तथा व्रत के अन्‍तिम दिन कार्तिक के व्रत का उपवास किया जाता है। यह उपवास लगातार 5 दिनो तक होता है जिसमें बिल्‍कुल भी अन्‍न नही खाया जाता केवल एक समय सागार किया जाता है।

कार्तिक महीने के अन्तिम दिन पर इस व्रत का उजमन किया जाता है। उजमन में पॉच सीधे, पॉंच सुराही, किसी ब्राह्मण को देते है। उसके बाद सिंगार का पूरा सामान और साड़ी-ब्‍लाऊज उस पर यथा शक्ति रूपये रखकर अपनी सास के पैर स्‍पर्श करके उन्‍हे देना होता है। ऐसे में आप भी तारा भोजन का व्रत रखते है तो नीचे पोस्‍ट में दी गई व्रत कथा व पूजा विधि को पढ़कर आप अपना प्रतिमाह तारा भोजन का व्रत पूर्ण कर सकते है। पोस्‍ट के अन्‍त तक बने रहे।

तारा भोजन व्रत की तिथि (Tara Bhojan Vrat Date 2021)

Tara Vrat 2021
Tara Bhojan Vrat 2021 in Hindi

आपकी जानकारी के लिए बता दे की तारा भोजन प्रतिवर्ष कार्तिक महीने की कृष्‍णपक्ष की प्रतिपदा से लेकर शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा तक किया जाता है। जो की इस वर्ष 21 अक्‍टूबर 2021 गुरूवार के दिन से लेकर 19 नवंबर 2021 शुक्रवार के दिन सामाप्‍त हो रहे है। क्‍योकि यह व्रत पूरे कार्तिक के महीने में चलते है। इसी लिए इन्‍हे कार्तिक नहाना भी कहते है।

तारा भोजन व्रत पूजा विधि (Tara Bhojan Vrat Puja Vidhi)

  • कार्तिक के पूरे महीने में प्रतिदिन हर रोज स्‍त्री व पुरूष को प्रात:काल ब्रह्मा मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी पर स्‍नान करे।
  • स्‍नान आदि से मुक्‍त होने के बाद भगवान विष्‍णु व सूर्य भगवान को पानी चढाकर पीपल व तुलसी के पेड़ में पानी प्रतिरोज चढा़ऐ।
  • जिसे बाद प्रतिरोज मंदिर जाकर विधिवत रूप से पूजा-पाठ करे। तथा रात्रि के समय तारों को अर्घ्‍य देकर भोजन ग्रहण करे। यह विधि प्रतिरोज करे।
  • कार्तिक के अन्तिम पांच दिनो में किसी पवित्र स्‍थान पर जाकर स्‍नान आदि करे और वहा पर दीपक जलाकर आऐ।
  • इन पांच दिनो में व्रत (कार्तिक स्‍नान करने वाले को) रखने वाले स्‍त्री व पुरूष को अन्‍न नहीं खाना चाहिए। केवल एक समय ही फलाहार करे।
  • अन्तिम दिन अर्थात्‍ पूर्णिमा के दिन इस व्रत का उजमन करे। उजमन के समय पॉंच सुराही ब्राह्मणों को दे और एक साड़ी व ब्‍लाउज यथा शक्ति रूपये अपनी सासु को दे। यदि सासु नही है तो अपनी ननद, जैठानी किसी अन्‍य को दे।

तारा भोजन व्रत कथा (Tara Bhojan Vrat Katha in Hindi)

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तारा भोजन व्रत

प्राचीन काल में एक साहूकार के तीन पुत्रवधू थी। जिनमें से एक तारा भोजन का व्रत रखती थी। एक दिन उसने अपनी सासु को तारा भोजन व्रत की कहानी सुनाने को कहा तो सासु ने मना कर दिया। और कहा की मुझे अभी तो अपनी पूजा करनी है। इसके बाद उसने अपनी जेठानी जी से कहा की आप ही मुझे तारा भोजन व्रत की कथा सुना दीजिऐ। किन्‍तु जेठानी ने भी मना करते हुऐ कहा की अभी मुझे तो खाना बनाना है।

जिसके बाद उसने अपनी देवरानी जी से कहा की आप ही मुझे इस व्रत की कथा सुना दीजिऐ किन्‍तु सासु और जेठानी की तरह देवरानी ने भी मना कर दिया। इसके बाद वह अपनी ननद से की किन्‍तु उसने भी उसकी नही सुनी। अन्‍त में बहू हारक नगर के राजा के पास गई और उससे कहा की तुम ही मुझे कहानी सुना दो। राजा ने कहा की मुझे अपने व्‍यापार के आगे समय नही है। राजा की बात सुनकर उस सेठ की बहू बड़ी दुखी हुई।

उसकी इस मनोदशा को देखकर भगवान को उस पर दया आ गई और उसने स्‍वर्ग से विमान भेजा। उस विमान को आते देख उसकी सासु, जेठानी, देवरानी और ननद तथा राजा उस विमान में बैठकर स्‍वर्ग जाने के लिए तैयार हो गऐ। किन्‍तु उस बहू ने मना कर दिया। तभी उस बहू की पड़ोसन वहा आई और बोली की मुझे भी अपने साथ ले चलो। उसने कहा आ जाओ।

क्‍योकि वही एकमात्र महिला थी जिसने उस बहू के साथ-साथ पूरे कार्तिक के महीने कथा सुनी थी। इसके बाद दोनो विमान में बैठकर स्‍वर्ग जाने लगी तभी उस बहू के मन में अभिमान आया कि मैनें तो कार्तिक के महीने में प्रतिरोज जल्‍दी उठकर स्‍नान आदि करके व्रत किया है। और मेरी इस पड़ोसन ने केवल कहानी सुनी है तो इसे मेरे कारण ही स्‍वर्ग लोक जानेे को मिल रहा है।

सेठ की बहू के मन में यह विचार देखते ही भवगान ने उसे विमान से नीचे फेंक दिया। तब उस औरत ने भगवान जी से पूछा की हे प्रभु आखिर मेरा अपराध क्‍या जिसके कारण आपने मुझे इस विमान से नीचे फेंक दिया। उस बहू की बात सुनकर भगवान ने कहा की तुझे बहुत ज्‍यादा अभिमान हो गया जिस कारण मैंने तुझे वा‍पस धरती पर भेज दिया। भगवान की बात सुनकर बहू भगवान के पैरो में गिरकर क्षमा याचना करने लगी।

बार-बार प्रार्थना करने पर भगवान को उस पर दया आई और कहा की यदि तुम अगले तीन वर्षा तक पूरे विधि-विधान व विधिवत रूप से तारा भोजन का व्रत रखोगी। तो तुम्‍हे पुन: स्‍वर्ग लोक की प्राप्ति होगी। यह कहकर भगवान अंतर्ध्‍यान हो गऐ जिसके बाद वह विमान भी उड कर स्‍वर्ग लोक की ओर चला गया।

Tara Bhojan Vrat 2021
Tara Bhojan Vrat 2021

दोस्‍तो आज के इस लेख में हमने आपाके तारा भोजन व्रत Tara Bhojan Vrat 2021 के बारे में विधिवत रूप से बताया है। यदि हमारे द्वारा प्रदान की गई जानकारी पसदं आई हो तो लाईक करे व अपने मिलने वालो के पास शेयर करे। और यदि आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्‍न है तो कंमट करके जरूर पूछे। धन्‍यवाद दोस्‍तो

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