दोस्तों जल्द ही तीज का त्यौहार (Teej Festival) आने वाला है और आप सब भी इस त्यौहार का इतंजार कर रहे होगे। इस त्यौहार को हम सभी अपने परिवार व रिश्तेदारो के साथ बड़ी धूम-धाम से हर साल मनाते है लेकिन क्या आपके मन में यह Question आया कि आखिर Teej Festival Kya Hai Teej का त्यौहार मनानें के पीछे वजह क्या है? क्यो हर हर वर्ष इसे इतने उत्शुकता से मनाते है। और इसकि पहले से तैयारीया शुरू कर देते है। तो चलिए जानते है कि क्यो इस त्यौहार को मनाया जाता है।
वैसे तो हमारे देश में समय-समय पर कई तरह के त्यौहार मनाए जाते है लेकिन कुछ तयौहार अपने आप में बड़ा महत्व रखते है जैसे- होली, दीपावली, तीज, रक्षाबंधन, दशहरा आदि। क्योकि ये सभी त्यौहार बुराई पर अच्छाई कि जीत का सदेंश देते हे। किन्तु आज हम बार कर रहे है Teej Festival Kya Hai, और इसे क्यों मनाया जाता है। इस त्यौहार को औरते बहुत ही उल्लास के साथ मनाती है।

कब आता है Teej ka त्यौहार
Teej ka Festival हर वर्ष श्रावन के महिन या नही कि अगस्त के माह में आती है। और इस समय चारो ओर हरियाली-हरियाली दिखाई देती है क्योकिं यह माह वर्षा का होता है। बहुत से लोग श्रावन के पूरे महिने में भगवान शिव जी कि और माता पार्वती कि पूजा आराधना करते है और बहुत से श्रावन के सोमवार का व्रत रखते है। यह त्यौहार श्रावन के महिने में आने के कारण बहुत ही सुन्दर लगता है क्योकि हर तरफ खुशीयो कि रौनक होती है।
इस त्यौहार वाले दिन औरते सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से मुक्त होकर लहरीया के वस्त्र और चूड़ा पहनकर साथ में अपने हाथो में मेहदीं और पूरे 16 श्रृंगार करती है। और अच्छे-अच्छे पकवान बनाकर पूरे विधि-विधान से तीज माता कि पूजा करती है। और अपना सुहाग अमर रहने का वरदान मागंती है और कंवारी लडकियां अच्छे पति का वरदान मागंती है। सभी औरते एक साथ पूजा करने के बाद बागो में झूला डालकर झूलती है और माता तीज के गीत-गान करती है यह त्यौहार बड़े ही हर्ष व उल्लास के साथ मनाया जाता है।
Teej Festival पर जिनकी नई-नई शादी हुयी है या होने वाली है उनके लिए सिंधार आता है इसमें औरत के पूरे 16 श्रृंगार और लहरिये के वस्त्र और चूडा और अनेक प्रकार कि मिठाई आती है। किन्तु तीज में ज्यादातर घेवर कि मिठाई बनायी जाती है। वैसे तो हमारे हिन्दु धर्म में चार प्रकर कि तीज मनाई जाती है और ये सभी अपने आप में खास महत्व रखती है किन्तु सबसे बडी और खासTeej Festival Kya Hai है। राजस्थान राज्य के कई जिलो में इस त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है यहा पर माता तीज कि बहुत बड़ी सवारी निकाली जाती है
हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है।

हमारे हिन्दू धर्म के अनुसर Teej Festival Kya Hai के दिन ही माता पार्वती जी भगवान शिवजी को अपनी घोर तपस्या से प्रसन्न कर पाई थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिवजी में माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। माता पार्वती के लिए यह आसान नही था किन्तु उन्होने हार नही मानी और हर तरह से भगवार को प्रसन्न करने के तप किये और अन्त में वो सफल हुयी।
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How to Celebrate Hariyali Teej |हरियाली तीज कैसे मनाते है।
भारत के राजस्थान राज्य में इस पर्व का बहुत खास महत्व होता है यहा पर एक सास अपनी नयी बहु (बेटे कि पत्नी) को पूरे 16 श्रृंगार देती है जिसमें मेंहदी, सिंदूर,बिंदिया, जैवरात, कपडे़, चप्पल, चूडे आदि होते है। क्योकि ये सभी समाना सुहाग का प्रतीक है अत: इन सब में से श्रृंगार करती है और माता तीज (पार्वती माता) कि पूजा करके अपने पति कि लम्बी आयु का वरदान मागंती है। इस बार हरियाली तीज 10 अगस्त को मनाई जाएगी।
Teej Festival Kya Hai के तीन दिन पहले से ही राजस्थान के जयपुर में बहुत बड़ा तीज बाजार लगता है पर बहुत सी औरते आती है और खरीदारी करती है। राजस्थान में यह बहुत पुरानी पंरम्परा है आज भी यहा पर शाही परिवार के द्वारा तीज माता कि सवारी निकाली जाती है।
व्रत व पूजा विधि

Teej Festvial के दिन बहुत सी औरते व्रत रखती है वो सभी औरते प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान आदि से मुक्त होकर भगवान सत्यनारायण को जल चढ़ाती है उसके बाद पीपल और तुलसी माता के पेड़ में चढाती है। इस दिन औरत नये वस्त्र धारण करके पूरे 16 सोलहे श्रृंगार करती है। इस व्रत को सभी जगह नही करती किन्तु राजस्थान राज्य के मारवाड़ी समाज में यह व्रत रखा जाता है। इस दिन 24 घंटे तक निर्जला व्रत रखती है नही तो कुछ खाती और पीती है। अपने पति कि लम्बी आयु में मनोकामनाए करती है। और रात्री के समय माता पार्वती कि पूजा करके Teej Vrat Katha सुनती है और अगले दिन सुबह अपना व्रत तोड़ती है।
वैसे तो यह त्यौहार कई राज्यो में मनाया जाता है किन्तु कुछ राज्यो में इस त्यौहार का एक खात महत्व है। जैसे राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, गोवाए गुजरात, कनार्टक आदि राज्यो में यह त्यौहार मनाया जाता है। किन्तु हम उन्ही राज्यो कि बात करेगे जिनमें यह त्यौहार बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
वृंदावन में हरियाली तीज कैसे मनाते है। Teej Festival Kya Hai
उत्तरप्रदेश के वृन्दावन में Teej Festvial बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है वहा पर यह त्यौहार श्रावन में महिने से शुरू होता है और कृष्ण जन्माष्टमी तक मनाते है। यह त्यौहार वृंदावन में द्वावपर युग से मनाते आ रहे है ऐसा माना जाता है कि शुरूआत में हरियाली तीज का त्यौहार भगवान कृष्ण जी ने राधा रानी व सभी गोपियों के साथ बड़ी हे धूमधाम से मनाया था। तब से लेकर आज तक यह परंम्परा चली आ रही है। आज भी ऐसे सुनने में आता है कि तीज त्यौहार के दिन कृष्ण जी राधा रानी व अपने सभी गोपियो के साथ वृंदावन में आते है और रास रचाते है और एक-दूसरे को झूला झूलाते है। इस दिन यहा पर सोने के झूला बनया जाता है जिसे देखने के लिए लोग आते है। और भगवान कृष्णजी और राधा रानी से मनोकामनाए कि कामना करते है।
राजस्थान में हरियाली तीज कैसे मनाते है।
राजस्थान राज्य में Teej Festival Kya Hai बडी ही सौरव और उल्लास के साथ मनाया जाता है खासतर यह जयपुर, उदपुर, जोधपुर आदि में मनाते है। इस पर्व को मनाने के पिछे एक उदेश्य है ऐसे सुनने में आता है कि उदयपुर जिले में इस त्यौहार कि शुरूआत महाराज फतेह सिंह ने कि थी क्योकिं एक समये उसके राज्य में अकाल पड गया और पानी कि बहुत बर्बादी होने लगी, ऐसे में पानी को रोकने के लिऐ राजा ने फतेह सागर नामक जलाशय का निर्माण करवाया जो श्रावन के महिने में अमावस्य के दिन बनकर पूरा हुआ। इसी कारण उसी दिन से जलाशय के उत्सव में यह तीज का त्यौहार मनाया जाता है।
यहा पर तीन दिन तक यह मेला लगता है जिसमें सभी तरह के मनोरंजन के साधन उपल्बद होते है जैसे खेल, डांस, खाने, आदि। इस मेलो को देखने के लिए पयर्टक दूर-दूर से आते है। इस दिन यहा पर वृक्षा रोपण का कार्यक्रम भी होता है।