Uma Maheshwar Vrat Katha in Hindi 2021 | उमा महेश्‍वर व्रत कथा व पूजा विधि यहा से पढ़े

Uma Maheshwar Vrat Katha 2021 | Uma Maheshwar Katha in Hindi | Maheshwar Vrat Katha Hindi | उमा महेश्‍वर व्रत कथा 2021 । महेश्‍वर व्रत की कथा हिंदी में पढ़े

दोस्‍तो उमा महेश्‍वर का व्रत प्रति वर्ष भाद्रपद महीने की शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को किया जाता है। इस बार यह व्रत 20 सितम्‍बर 2021 यानी सोमवार के दिन है। इस व्रत को रखने से मनुष्‍य की सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है। इस दिन पूर्णिमा का व्रत भी किया जाता है जिसमें भगवान विष्‍णु जी की पूजा-अर्चना की जाती है। तथा उमा महेश्‍वरUma Maheshwar Vrat Katha के व्रत में भगवान शंकर व माता पार्वती क‍ी पूजा की जाती है।

जो कोई उमा महेश्‍वर का व्रत पूरी श्रद्धा से करता है उसके सभी कष्‍ट दूर होकर वह अपने परिवार के साथ हमेशा सुखी जीवन व्‍यतीत करता है। ऐसे में अगर आप भी उमा महेश्‍वर का व्रत रखते है तो हमारे इस आर्टिकल के माध्‍यम से बताई हुई कथा व पूजा विधि काे पढ़कर या सुनकर आप अपना व्रत पूर्ण कर सकते है। तो चलिए पोस्‍ट के अन्‍त तक बने रहे।

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Uma Maheshwar Vrat Katha

उमा महेश्‍वर व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त (Uma Maheshwar Vrat Puja ks Shub Muhurat)

इस बार उमा महेश्‍वर का व्रत 20 सितम्‍बर 2021 सोमवार के दिन है। व्रत के शुभ मुहूर्त की शुरूआत 20 सितम्‍बर 2021 को प्रात:काल 05 बजकर 30 मिनट पर शुरू हाे जाएगा। तथा 21 सितम्‍बर 2021 को प्रात: 05 बजकर 26 मिनट पर समाप्‍त हो जाएगा। आप इस शुभ मुहूर्त के बीच में अपना उमा महेश्‍वर या पूर्णिमा का व्रत खोल सकते है।

उमा महेश्‍वर व्रत पूजा विधि (Uma Maheshwar Vrat Puja Vidhi)

  • यह व्रत रखने वाले स्‍त्री व पुरूष को प्रात:काल जल्‍दी उठकर स्‍नान आद‍ि से मुक्‍त होकर नऐ वस्‍त्र धारण करे।
  • इसके बाद सूर्य भगवन को पानी चढाकर पीपल व तुलसी के पेड़ में पानी चढाऐ।
  • इसके बाद मंदिर जाकर भगवान शंकर व माता पार्वती को स्‍नान कराए तथा उन्‍हे वस्‍त्र पहनाए।
  • जिसके बाद भगवान की प्रतिमा को विल्‍पत्र, फल, फूल आदि चढाकर पूरे विधि-विधान से पूजा करे।
  • इस व्रत वाल दिन एक समय भोजन किया जाता है। तथा रात्रि को मंदिर में जागरण करना चाहिए।
  • दूसरे दिन स्‍नान आदि करके किसी ब्राह्मण को भोजन कराऐ भोजन कराने के बाद यथा शक्ति दक्षिणा दे।

उमा महेश्‍वर व्रत कथा (Uma Maheshwar Vrat Katha)

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Uma Maheshwar Vrat Katha

मत्‍स्‍य पुराण में इस व्रत का उल्‍लेख मिलता है। लिखा गया है की एक बार महर्षि दुर्वासा भगवान शंकर जी के दर्शन करके आश्रम की और लोट रहे थे। मार्ग में उनकी भेंट भगवान विष्‍णु जी से हाे गई भगवान ने ऋर्षि दुर्वासा को प्रणाम किया। आशीर्वाद के रूप में दुर्वासा ऋर्षि ने भगवान विष्‍णु जी को भगवान शंकर जी के द्वारा दी गई विल्‍वपत्र की माला दे दी। किन्‍तु भगवान विष्‍णु जी ने उस माला को उनके वाहन पक्षी राज गरूड़ को पहना दी।

यह देखकर ऋर्षि दुर्वासा बहुत ज्‍यादा क्रोधित हाे गए और विष्‍णु जी से बोला की यह तुमने अच्‍छा नही किया तुमने तो इस माला को गरूड़ को पहनाकर भगवान शंकर का अपमान किया है। इसलिए मैं तुम्‍हे श्राप देता हॅू की माता लक्ष्‍मी तुम्‍हारे पास से चली जाएगी। और क्षीर सागर से भी हाथ धोना पड़ेगा तथा शेषनाग भी तुम्‍हारी सहायता नही कर पाएगे।

दुर्वासा ऋर्षि का श्राप सुनकर भगवान ने उनसे माफि मांगी और श्राप से मुक्‍त हाेने का उपाय पूछा। तब ऋर्षि दुर्वासा ने बताया की हे हरि (विष्‍णु) यदि तुम भाद्रपद माह की शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा वाले दिन उमा महेश्‍व का व्रत पूरे विधि-विधान से करोगे तो तुम्‍हे इस श्राप से मुक्‍त‍ि मिल जाऐगी। यह कहकर ऋर्षि दुर्वासा तो वहा से चले गऐ।

Uma Maheshwar Vrat Katha
Uma Maheshwar Vrat Katha

कुछ दिनो बाद भादो की पूर्णिमा आई और भगवान विष्‍णु जी ने पूरी श्रद्धा के अनुसार उमा महेश्‍वर का व्रत () किया। जिसके फलस्‍वरूप भगवान को माता लक्ष्‍मी जी और क्षीर सागर वापस मिल गए। तथा जो भी वस्‍तुए ऋर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण दूर हो गई थी वो सब पुन: भगवान हरि को मिल गई।

दोस्‍तो आज के इस लेख में हमने आपको उमा महेश्‍वर व्रत कथा (Uma Maheshwar Vrat Katha) के बार में सभी जानकारी प्रदान क‍ि है। यदि आपको हमारे द्वारा प्रदान जानकारी पंसद आई हुई हो तो लाईक करे व अपने मिलने वालो के पास शेयर करे। यदि आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्‍न है तो कंमट करके जरूर पूछे। धन्‍यवाद

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प्रश्‍न:- उमा महेश्‍वर व्रत कब आता है।

उत्तर:- यह व्रत भाद्रपद महीने की शुक्‍लपक्ष की पूर्णिमा को आता है।

प्रश्‍न:- उमा महेश्‍वर व्रत किस भगवान के लिए करते है।

उत्तर:- भगवान शंकर व माता पार्वती

प्रश्‍न:- इस बार उमा महेश्‍वर व्रत कब है।

उत्तर:- 20 सितम्‍बर 2021 सोमवार को

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