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Vijaya Ekadashi Vrat Katha in Hindi~ विजया एकादशी व्रत जानिए शुभ मुहूर्त, कथा एवं पूजा विधि

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Ekadashi Vrat Katha in Hindi:- जैसा की आप जानते है हिन्‍दु धर्म में एकादशी का बहुत महत्‍व होता है जो की कुल 24 एकादशीया होती है। प्रतिमहीने दो एकादशी आती है एक शुक्‍ल पक्ष में तो दूसरी कृष्‍ण पक्ष मे दोनो का महत्‍व भी बहुत बड़ा होता है। पर आज हम बात करेगे विजया एकादशी के बारें में यह एकादशी फाल्‍गुन मास (Falgun Month Vijaya Ekadashi Vrat) की कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को आती है। जो की इस वर्ष 16 व 17 फरवरी दोनो दिन पड़ रहा है। पर अधिक उत्तम 16 फरवरी 2023 के दिन माना जा रहा है। इस व्रत वाले दिन भगवान विष्‍णु (Lord Vishnu) जी की पूजा-अर्चना करने वाले मनुष्‍य की सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है आप भी ‘विजया एकादशी’ का व्रत रखते है तो नीचे लेख में दी गई व्रत कथा व पूजा Vijaya Ekadashi Vrat and Puja विधि को पढ़कर अपना व्रत पूर्ण कर सकते है।

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विजया एकादशी व्रत का महत्‍व

वैसे तो नाम से ही पता चल रहा है विजया यानी हर कार्य पर विजय (जीत) दिलाने वाली एकादशी विजया एकादशी (vijaya Gyaras Vrat) है। सनातन धर्म में इसका विशेष महत्‍व होता है इस एकादशी का व्रत रखने वाले व्‍यक्तियों की जीत सुनिश्रिचत होती है। कहा जाता है की इस व्रत को रखने से मनुष्‍य के सभी कार्य सफल होते है तथा सभी प्रकार के कष्‍टों से मुक्‍ति मिलती है। इसके अलावा मनुष्‍य को अपने पूर्वजन्‍म के पापों से मुक्‍ति मिलती है जिस कारण इस एकादशी को अत्‍यंत पुण्‍यदायी एकादशी कहते है।

Vijaya Ekadashi Vrat Katha in Hindi
Vijaya Ekadashi Vrat Katha in Hindi

विजया एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त

  • फाल्‍गुन विजया एकादशी व्रत प्रारंभ:- 16 फरवरी 2023 प्रात: 05:32 मिनट पर लगभग
  • विजया एकादशी व्रत समाप्‍त:- 17 फरवरी 2023 प्रात: 02:49 मिनट पर लगभग
  • एकादशी पूजा मुहूर्त:- 16 फरवरी को प्रात: 07:03 मिनट से लेकर 08:26 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त:- दोपहर 02:27 मिनट से लेकर 03:12 मिनट तक
  • एकादशी व्रत पारण समय:- 17 फरवरी 2023 को प्रात: 08:01 मिनट से लेकर 09:13 मिनट तक

फाल्‍गुन महीने की कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है जिसे सभी कार्यो पर जीत दिलाने वाली ग्‍यारस कहा जाता है। इस व्रत की शुरूआत 16 फरवरी 2023 को सुबह 05:32 मिनट पर हो रही है। और समाप्‍ती 17 फरवरी को प्रात:काल जल्‍दी 02:49 मिनट पर हो रही है इसी लिए एकादशी व्रत दोन दिनों का माना जा रहा है। पर उत्तम तिथि 16 फरवरी 2023 गुरूवार के दिन एकादशी का व्रत रखा जाएगा। और इस बार तो यह व्रत गुरूवार के दिन पड़ने के कारण और भी ज्‍यादा महत्‍व रखता है क्‍योंकि गुरूवार तो स्‍वयं भगवान विष्‍णु जी का वार माना गया है।

vijaya Ekadashi Vrat Puja vidhi in Hindi

  • इस व्रत वाले दिन मनुष्‍य को प्रात: जल्‍दी उठकर स्‍नान आदि से मुक्‍त होकर भवगान सत्‍यनारायण को जल चढ़ाऐ। जिसके बाद पीपल व तुलसी के वृक्ष में भी पानी चढ़ाऐ।
  • जिसके बाद पूजा के लिए किसी स्‍थान पर एक चौकी रखे जिस पर लाल रंग का वस्‍त्र बिछाकर भगवान विष्‍णु (कृष्‍ण) जी की मूर्ति रखे।
  • अब एक वेदी बनाकर उस पर सात प्रकार के धान (उड़द, मूंग, गेहूँ, चना, जौ, चावल, बाजरा) रखे।
  • अब मिट्टी के कलश की स्‍थापना करे जिस पर आम व अशोक के 5-5 पत्ते लगाए।
  • अब भगवान विष्‍णु जी के पूजा करे पूजा में पीले रंग के पुष्‍प, ऋतुफल, तुलसी दल अर्पित करे और धूप, दीप से आरती करे।
  • जिसके बाद विजया एकादशी व्रत की कथा Vijaya Ekadashi Vrat Katha सुने और संध्‍या के समय फलाहार करे। तथा रात्रि के समय भजन कीर्तन आदि करे।
  • अगले दिन (द्वादशी वाले दिन) स्‍नान आदि से मुक्‍त होकर ब्राह्मण को भोजन कराए तथा यथा शक्ति दान-दक्षिणा देकर विदा करे। जिसके बाद स्‍वयं व्रत का पारण करे।

विजया एकादशी व्रत पारण का समय

एकादशी व्रत की शुरूआत प्रात:काल जल्‍दी हो रही है रही बात एकादशी व्रत पारण का समय तो इस व्रत का पारण आप सभी 17 फरवरी 2023 शुक्रवार के दिन कर सकती है। यानी द्वादशी वाले दिन प्रात: लगभग 08:00 बजे से लेकर 09:13 मिनट के बीच की अवधि के मध्‍य में कर सकती है।

एकादशी पर बन रहे है शुभ योग

इस साल फाल्‍गुन एकादशी पर शुभ योग बन रहा है जिसमें गुरू मीन राशि और शनि कुंभ राशि में विराजमान रहेगे। और शुक्र उच्‍च राशि में रहेगा साथ ही मंगल, चंद्रमा के नक्षत्र में है और चंद्रमा पर दृष्‍टी भी डाले हुए रहेगे। जिसमें महालक्ष्‍मी का योग प्रभाव रहेगा इन सभी शुभ योग में साधक को स्‍नान, व्रत, पूजा करने का बहुत ही अच्‍छा फल मिलता है।

Vijaya Ekadashi Vrat Katha (विजया एकादशी व्रत कथा)

एक दिन धर्मराज युधिष्ठिर जी ने भगवान कृष्‍ण जी से विजया एकादशी के बारें में पूछा। सम्राट के इस तरह पूछने पर भगवान ने विस्‍तार से बताते हुऐ कहा हे युधिष्ठिर त्रेता युग की बात है जब भगवान राम को 14 वर्षो का वनवास हुआ, तो उस समय उनकी पत्‍नी सीता को रावण नाम का राक्षस हरण करके लंका ले गया था। स्‍वर्ण लंका समुद्र के उस पार होने के कारण राम अपनी सेना सहीत लंका पहुचने में असमर्थ थे। इस समस्‍या के समाधान के लिए भगवान राम वकदालभय ऋषि के पास गए और अपनी व्‍यथा सुनाई।

भगवान राम की बात सुनकर ऋषि वकदालभय ने कहा हे राम को भी शुभ कार्य करने से पहले व्रत आदि का अनुष्‍ठान करते है। तो ही हमे उस कार्य मेें विजया प्राप्‍त होती है। आप फाल्‍गुन मास की कृष्‍ण पक्ष की एकादशी का व्रत पूर्ण नियमो व विधिविधान से करे। सबसे पहले आपको मिट्टी के एक बर्तन में सतनाज स्‍थापित करे, उसके पास पीपल,आम, बड़ तथा गूलर के पत्ते रखे। एक मिट्टी का कलश स्‍थापित करे और जौ के बर्तन में श्री लक्ष्‍मीनारायण जी की प्रतिमा स्‍थापित करे। तथा विधिपूर्वक पूजन करना है।

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रात्रि जागरण के बाद प्रात:काल जल-सहित कलश को सागर के निमित्त अर्पित कर देना है। इस व्रत के प्रभाव से समुद्र आकपो रास्‍ता भी दे देगा तथा रावण पर विजय भी प्राप्‍त होगी। भगवान राम ने उसी प्रकार फाल्‍गुन मास की एकादशी का व्रत किया। जिसके बाद समुद्र के देवता प्रकट होकर कहा है

तुम्‍हारी वान सेना में दो ऐसे महान वानर है जिनके हाथ लगाऐ हुए पत्‍थर भी पानी में तैरते है। आप उनकी मदद से समुद्र के उस पार पहुच सकते है उसके बाद पुरूषोत्त भगवान राम वापस समुद्र के किनारे आऐ और नल व नील से पत्‍थर का पुल बनाने के लिए कहा। फिर नल व नील दोनो भाई अपने हाथो से पत्‍थन उठाकर उस पर राम नाम लिखकर पानी के ऊपर रखे तो वो तैरने लगे। और इसी प्रकार उन्‍होने समुद्र के इस पार से लेकर उस पार तक पत्‍थर का पुल बना दिया। जिस पर चलकर भगवान राम अपनी वानर सेना सहित लंका पहुच गऐ।

लंका जाकर रावण के साथ भीषण युद्ध किया जो की कई दिनो तक चला था। आखिर कार कहते है अच्‍छाई पर बुराई की जीत होती है इसी प्रकार भगवान राम ने रावण का संहार करके अपनी पत्‍नी माता सीता को मुक्‍त कराया। उनकी इसी विजया के उपलक्ष्‍य में प्रतिवर्ष फाल्‍गुन महीन की कृष्‍ण पक्ष की एकादशी (ग्‍यारस) को विजया एकादशी का व्रत Vijaya Ekadashi Vrat Katha किया जाता है। जिसक अर्थ है सभी कार्यो पर विजया दिलाने वाली एकादशी विजया एकादशी होती है। राजस्‍थान मुख्‍यमंत्री चिरंजीवी स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना रजिस्‍ट्रेशन प्रक्रिया

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दोस्‍तो आप में इस लेख में आपको विजया एकदशी (ग्‍यारस व्रत) Vijaya Ekadashi Vrat Katha in Hindi के बारें में विस्‍तार से बताया है लेख में बताई हुए जानकारी पंचाग, न्‍यूज, व काल्‍पनिक कथाओं के आधार पर बताई गई है। हमारे द्वारा लिखा लेख अच्‍छा लगा तो लाईक करे व अपने मिलने वालो के पास शेयर करे। और यदि आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्‍न है तो कमेंट करके जरूर पूछ सकते है। धन्‍यवाद इन्दिरा गॉंधी शहरी रोजगार गारंटी योजना क्‍या है

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