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Ghatasthapna Muhurat 2024 चैत्र नवरात्रि घटस्‍थापना मुहूर्त, सामग्री, व्रत कथा

नवरात्रि घटस्‍थापना मुहूर्त 2024, चैत्र नवरात्रि घटस्‍थापना 2024 मुहूर्त, Chaitra Navratri Chatsthapna Muhurat in HIndi

Chaitra Navratri Ghatsthapna muhurat:-चैत्र नवरात्रि घटस्‍थापना मुहूर्त साल में चार बार नवरात्रि का पर्व होता है जिनमे से सबसे बड़ा और मुख्‍य शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि का पर्व होता है। इस साल चैत्र नवरात्रि पर्व की घटस्‍थापना 09 अप्रैल 2024 को होगी। समाप्‍ती 17 अप्रैल 2024 को राम नवमी वाले दिन माता की विदाई होगी। चैत्र नवरात्रि पर्व को कई क्षेत्रों में वसंत नवरात्रि भी कहा जाता है इस साल चैत्र नवरात्रि अखंड होगी, पूरे नौ दिनों तक जगमग ज्‍योति जली हुई होती है। चैत्र नवरात्रि का पर्व हर साल लगातार नौ दिनों तक मनाया जाता है इस पर्व वाले दिन पूरे नौ दिनों में दुर्गा माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। आइए जानते है चैत्र नवरात्रि घटस्‍थापना का शुभ मुहूर्त……..

चैत्र नवरात्रि घटस्‍थापना मुहूर्त

नवरात्रि शुभ योग Chaitra Navratri 2024 Shubh Yog

ज्‍योतिषो, पंडितों के अनुसार चैत्र नवरात्रि का पर्व 30 सालों के बाद बहुत अच्‍छा योग बना रहा है इसलिए इस बार नवरात्रि का पर्व और भी ज्‍यादा खास हो गया है। ज्‍योतिषो की गणना के अनुसार चैत्र नवरात्रि पर पूरे 30 साल बाद अमृत सिद्ध योग, सवार्थ सिद्ध योग, शश योग, अश्र्विनी नक्षत्र, का बहुत अच्‍छा योग बन रहा है। अमृत सिद्ध योग और सवार्थ सिद्ध योग प्रात: काल 07:32 मिनट पर आरंभ होगा और अगले दिन 05 बजकर 06 मिनट पर समाप्‍त होगा।

चैत्र नवरात्रि घटस्‍थापना सामग्री सूची

  • तांबे के लौटे में गंगाजल
  • रौली एवं मौली
  • पान सुपारी
  • घी का दीपक व धूपबात्ती
  • मौसम के फल
  • फूल व माला
  • विल्‍पत्र
  • केले व आम के पत्ते
  • पंचरत्‍न व लाल वस्‍त्र
  • जौ
  • तेल सिन्‍दूर व कपूर
  • गाय का गोबर
  • गाय का दूध,घी,दही,
  • दुर्गा मॉ की प्रतिमा
  • कुमारी पूजन के वस्‍त्र
  • डाभ आदि

चैत्र नवरात्रि घटस्‍थापना मुहूर्त 2024 Chaitra Navratri Ghatsthapna muhurat

चैत्र नवरात्रि पर्व का आरंभ 9 अप्रैल 2024 से होगा और 17 अप्रैल 2024 को समाप्‍त होगा। त्‍यौहार आरंभ होने से पहले सर्वप्रथम महिलाएं घटस्‍थापना (घंड़ की स्‍थापना) करती है। और यह स्‍थापना आपको मुहूर्त के अनुसार करना बहुत आवश्‍यक होता है। प्रतिपदा तिथि का आरंभ 8 अप्रैल 2024 को रात्रि 11:50 मिनट पर होगी, और समापन 09 अप्रैल 2024 को रात्रि 8:30 मिनट पर होगी। इस बार आप घटस्‍थापना 09 अप्रैल्‍ को प्रात: 06:02 मिनट से लेकर 10:16 मिनट के मध्‍य कभी भी कर सकते है। किसी कारण आपको इस शुभ समय में घटस्‍थापना नहीं हो पाई है तो आप दूसरे मुहूर्त में नवरात्रि घटस्‍थापना कर सकते है। अभिजीत मुहूर्त 11:57 मिनट से लेकर दाेपहर के 12:48 मिनट तक रहेगा, आप इस शुभ मुहूर्त में घटस्‍थापना कर सकते है।

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चैत्र नवरात्रि व्रत कथा Chaitra Navratri Vrat Kath in Hindi

ब्रह्माजी ने कहा बहुत पहले की बात है एक नगर जिसमे एक अनाथ व गरीब ब्रह्मण रहता था। वह मॉं दुर्गा का बहुत बड़ा भक्‍त था उसके एक सुन्‍दर सी कन्‍या ने जन्‍म लिया, जो बहुत ही सदगुणो वाली व ऐसी यथार्थ वाली सुमति नाम की थी। वह कन्‍या बाल्‍यवस्‍था में इस प्रकार बढ़ने लगी जैसे कोई शुक्‍लपक्ष में चन्‍द्रमा की कला बढ़ती है। वह कन्‍या अपने पिता के साथ मॉ दुर्गा की पूजा अराधना व सदैव यज्ञ होम करती थी। एक दिन वह अपनी सभी सहेलियो के साथ खेलने लग गयाी और वह मॉं दुर्गा की पूजा में नही बैठ पाई, ऐसे में सुमति के पिता को बहुत क्रोध आया और उसने कहा की आज तुम मॉं भगवती की पूजा में उपस्थ्ति नही हुई।

इस गलती के लिए में तुत्‍हारा विवाह एक कुष्‍ठ व दरिद्र मनुष्‍य के साथ करूगा। इस प्रकार क्रोधित पिता के वचन सुनकर वह बहुत ही दुखी हो गई । और उसकी शादी एक कुष्‍ठ रोगी के साथ कर दी । वह अपने पिता के कटु वचनो को सुनकर मन ही मन में विचार करने लगी मेरा बहुत ही खराब दुर्भाग्‍य है जो मुझे ऐसा पति मिला। इस तरह से अपने मन को दुखी करती हुयी अपने पति के साथ वन को चली गई। चलते चलते उन दोनो को रात हो गई तो वो उसी भयानक वन में सो गये।

सुमति की ऐसी स्थिति देखकर मॉ दुर्गा को दया आ गई और उसके पहले के पुण्‍य के प्रभाव से उसके सामने प्रकट हुई और सुमति से कही हे दीन ब्रह्मणी मांगो क्‍या वर मांगती हो। मैं तुम पर बहुत ही प्रसन्‍न हू। यह सुनकर उस ब्रह्मणी ने कहा की आप कौन है और मुझ पर क्‍यों प्रसन्‍न हो। यह सुनकर देवी ने कहा मैं आदि शक्ति हू मैं ही विद्या व सरस्‍वती हूँ और मैं तुम्‍हारे पूर्व जन्‍म के पुण्‍य के प्रसन्‍न हूँ।

मैं तुम्‍हारे पूर्व जन्‍म की कहानी बताती हूॅ । पिछले जन्‍म में तुम एक भील की स्‍त्री थी और बहुत ही पतिव्रता थी । एक दिन तेरे पति निषाद ने चोरी कर ली और तुम्‍हे व तुम्‍हारे पति को सिपाहियों ने पकड़ कर जेल में बन्‍द कर दिया। उन लोगो ने तुम दोनो को खाना भी नही दिया इस तरह से 9 दिनो तक भुखी प्‍यासी रही और इसी प्रकार तुम्‍हारे Durga Navratri Vrat Katha के व्रत पूर्ण हो गये। उन दिनो में जो तुमने बिना कुछ या पिये व्रत किया है। मैं उसी से प्रसन्‍न होकर तुम्‍हें मनवांछित वर दे रही हॅू।

मॉं दुर्गा की बात सुनकर सुमति बोली माता यदि आप मुझ पर प्रसन्‍न है तो आप मेरे पति को कोढ़ से मुक्‍त कर दो व इनके सभी पापो को माफ कर दो। मॉ दुर्गा ने उसके पति के सभी पापो व कुष्‍ठो को दूर कर दिया। सुमति अपने पति की मनोहर देह को देखकर कहने लगी हे माता आप तो इस संसार की माता है, आप अपने भक्‍तो के दुखो को हरने वाली है। इन सभी बातो से माता ने प्रसन्‍न होकर सुमति से कहा की तुम्‍हारी कोख से एक अति सुन्‍दर व बुद्धिमान बालक जन्‍म लेगा। मॉ दुर्गा की यह बात सुनकर सुमति बहुत ही खुश हुई।

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इसके बाद माता दुर्गा ने कहा हे ब्राह्मणी ओर जो कुछ तेरी इच्‍छा हो वही मनवांछित वस्‍तु मॉग सकती हो। ऐसा भगवती दुर्गा का वचन सुनकर सुमति बोली की हे माता भगवती दुर्गे अगर आप मेरे ऊपर प्रसन्‍न है तो कृपा करके मुझे नवरात्रि विधि बताइए। हे दयावती जिस विधि से नवरात्र करने से आप प्रसन्‍न होती है। उस विधि और उसके फल को मेरे लिए विस्‍तार से वर्णन करे।

इस प्रकार ब्राह्मणी के वचन सुनकर माता दुर्गा (आदिशक्ति) कहने लगी हे ब्राह्मणी मै तुम्‍हारे लिए सम्‍पूर्ण पापों को दूर करने वाली नवरात्र व्रत विधि (Navratri Vrat Vidhi in Hindi) को बतलाती हॅूँ। जिसको सुनने से तमाम पापों से छूटकर मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। आश्विन महीने की शुक्‍लपक्ष की प्रतिपदा से लेकर नौ दिनो तक विधि पूर्वक व्रत करे। यदि दिन भर का व्रत न कर सके तो एक समय का भोजन करे। पढ़े-लिखे ब्राह्मणो से पूछकर घट स्‍थापना करे।

जिसके बाद वाटिका बनाकर उसको प्रतिदिन जल से सीचें और महाकली, महालक्ष्‍मी, और महासरस्‍वती आदि की मूर्तियॉ बनाकर उनकी नित्‍य विधि सहित पूजा करेे। और पुष्‍पों से विधि पूर्वक अर्घ्‍य दे खासतौर पर कोई बिजौर के फूलो से अर्घ्‍य दे तो उसकी सभी इच्‍छाए पूर्ण् होती है।

जायफल से कीर्ति, दाख से कार्य की सिद्धि होती है ऑवले से सुख और केले से भूषण की प्राप्ति होती है। इस प्रकार फलों से अर्घ्‍य देखकर यथा विधि हवन करे। खांड़, घी, गेहॅू, शहद, जौ, तिल, बिम्‍ब, नारियल, दाख और कदम्‍ब आदि से हवर करे। खीर व चम्‍पा के पुष्‍पों से धन और पत्तौ से तेज और सुख की प्राप्ति होती है।

ऑवले की कीर्ति और केले से पुत्र प्राप्‍त होता है। कमल से राजा सम्‍मान और दाखों से सुख सम्‍पत्ति की प्राप्ति होती है। एवं खांड़, घी, नारियल, शहद, जौ, और तिल आदि से मनवांछित वस्‍तु प्राप्‍त होती है। व्र करने वाला मनुष्‍य इस विधान से होम कर आचार्य को अत्‍यन्‍त नम्रता के साथ प्रणाम करे और यज्ञ की सिद्धि के लिए उसे दक्षिणा दे।

इस महाव्रत को पहले बताई हुई विधि के अनुसार जो कोई करता है उसके सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते है। इसके तनिक भी संश्‍य नही है। इन नौ दिनों में जो कुछ दान आदि दिया जाता है उसकेा करोड़ो गुना मिलता है। इस संसार में जो कोई मनुष्‍य नवरात्रि का व्रत पूरे विध‍ि विधान व श्रद्धा भाव से करता है उसे अश्‍वमेघ यज्ञ का फल प्राप्‍त होता है।

हे ब्राह्मणी इस सम्‍पूर्ण कामनाओं काे पूर्ण करने वाले उत्तम व्रत को तीर्थ, मंदिर अथवा घर में ही विध‍ि के अनुसार करे। ब्रह्मा जी बोले कि हे बृहस्‍पते इस प्रकार ब्राह्मणी को व्रत की विधि और व्रत का फल बताकर देवी दुर्गा अन्‍तर्ध्‍यान हो गई। जो मनुष्‍य या स्‍त्री इस व्रत को भक्ति पूर्वक करता है। वह इस लोक में सभी सुख भोगकर अन्‍त में दुलर्भ मोक्ष को प्राप्‍त होता है।

हे बृहस्‍पतें यह दुर्लभ व्रत का माहात्‍म्‍य मैंने तुम्‍हारे लिए बतलाया है। ऐसा ब्रह्मा जी के वचन सुनकर बृहस्‍पत‍ि जी आनन्‍द के कारण रोमांचित हो गए और ब्रह्मा जी से कहने लेग हे ब्रह्मा जी- आपने मुझ पर अति कृपा की जो अमृत के समान इस न‍वरात्रि व्रत का (Navratri Vrat katha in Hindi) महात्‍म्‍य सुनाया है।

हे प्रभों आपके बिना और कौन इस माहात्‍म्‍य को सुना सकता है ऐसे में बृहस्‍पति जी के वचन सुनकर ब्रह्मा जी बोले कि हे तुमने सब प्राणियों का हित करने वाले इस अलौकिक व्रत को पूछा है। इसलिए तुम धन्‍य हो। यह भगवती शक्ति सम्‍पूर्ण लोको का पालन करने वाली है। इस महादेवी के प्रभाव को कौन जान सकता है।

डिस्‍कलेमर:- आपको लेख में चैत्र नवरात्रि व्रत कथा, सामग्री और घटस्‍थापना मुहूर्त के बारें में बताया है जो पूरी तरह से पौराणिक मान्‍यताओं, कथाओं के आधार पर बताया है। आपको बताना आवश्‍यक है की Onlineseekhe.com किसी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है अधिक जानकारी के लिए किसी सबंधित विशेषज्ञ, पंडित आदि के पास जाएगा।

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