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Kamada Ekadashi Vrat Katha in Hindi | कामदा एकादशी व्रत कथा व पूजा विधि

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प्‍यारे दोस्‍तो आज इस लेख में आपको Kamada Ekadashi Vrat के बारें में विस्‍तार से बताएगें। जैसा की आप सभी जानते है हिन्‍दु धर्म में आए दिन कोई व्रत व त्‍यौहार जरूर होता है। और आज हम बात कर रहे है कामदा एकादशी व्रत के बारें जो की पूर्णत: भगवान विष्‍णु जी (Lord Vishnu) को समर्पित है। जिन्‍हे इस जगत के पिता, करूणा के सागर, दीन दयाल, श्री हर‍ि जी आद‍ि नामों से पुकारा जाता है। जो समय समय पर इस धरती पर पापियों व अधर्मीयों का विनाश करने के लिए अवतरीत होत है और धरती माता पर धर्म को पुन: स्‍थापित करते है।

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हिन्‍दु धर्म के सभी शास्‍त्रों व वेद, पुराणों में लिखा गया है कि संसार में जो भी मानव विष्‍णु भगवान की भक्ति, पूजा पाठ, व्रत, सेवा आदि करता है। वह मनुष्‍य इस लोक से मुक्‍त होकर भगवान के हरि चरणों में स्‍थान पाता है। और वहा पर सभी सुखों का आनंद लेता है। यदि आप भी भगवान विष्‍णु को प्रसन्‍न करने के लिए Kamada Ekadashi Vrat करते है। और उनकी पूजा व अर्चना करते है तो आज की इस पोस्‍ट के माध्‍यम से हम Kamada Ekadashi Vrat के बारें में विस्‍तार से बताएगें इसलिए आप इसे पूरा अवश्‍य पढ़े।

Kamada Ekadashi Vrat

व्रत का नाम कामदा एकादशी व्रत (Kamada Gyaras Vrat)
कामदा एकादशी कब है 01/02 अप्रैल 2023
प्रतिवर्ष कब आता है चैत्र मास शुक्‍लप पक्ष की एकादशी
किसे समर्पित है भगवान विष्‍णु को
महत्‍व सभी पापों से मुक्‍त होकर प्रेत योनी से मुक्ति मिलती है
Kamada Ekadashi Vrat Katha in Hindi
Kamada Ekadashi Vrat Katha in Hindi

कामदा एकादशी व्रत का महत्‍व जानिए

Kamada Ekadashi Vrat Katha

वैसे तो आप जानते है हिन्‍दु धर्म में हर महीने में दो एकादशीया आती है जिनका महत्‍व अगल-अगल होता है बात करे कामदा एकादशी व्रत के बारें में जो चैत्र मास की शुक्‍लपक्ष की एकादशी (ग्‍यारस) को यह व्रत किया जाता है। जो की हिन्‍दुओं की पहली एकादशी होती है क्‍योंकि हिंदु नववर्ष के बाद यह पहला एकादशी का व्रत आता है जिसे कामदा एकादशी Kamada Ekadashi Vrat Katha कहा जाता है। जो की इस वर्ष 01 या 02 अप्रैल के दिन व्रत रखा जाएगा। मान्‍यताओं के अनुसार जो मानव कामदा एकादशी का व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है। और उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है साथ ही प्रेत योनी से मुक्ति मिलती है। तथा मृत्‍यु के पश्‍चात मोक्ष की प्राप्‍ति होती है।

कामदा एकादशी व्रत कब है

हिन्‍दी पंचाग के अनुसार यह व्रत प्रतिवर्ष चैत्र महीने की शुक्‍ल पक्ष की एकादशी अर्थात ग्‍यारस के दिन रखा जाता है। जो की हिन्‍दुओं के नया साल के बाद पहला व्रत होता है। इस बार यह व्रत दो दिन पड़ रहा है 01 अप्रैल और 02 अप्रैल 2023 दोनो दिन एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

कामदा एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त जानिए

  • चैत्र शुक्‍ल पक्ष एकादशी प्रारंभ:- 01 अप्रैल 2023 प्रात:काल 01:58 मिनट पर
  • कामदा एकादशी व्रत समाप्‍त:- 02 अप्रैल 2023 प्रात: 04:09 मिनट पर
  • कामदा एकादशी व्रत:’ 01 अप्रैल और 02 अप्रैल 2023 को

कामदा एकादशी व्रत पूजा की विधि

  • इस व्रत को रखने वाले सभी व्‍यक्ति प्रात: जल्‍दी उठकर स्‍नान आदि से मुक्‍त होकर साफ वस्‍त्र धारण करे। और भगवान विष्‍णु जी का नाम लेकर कामदा एकादशी व्रत का सकल्‍प करें।
  • जिसके बाद भगवान सत्‍यनाराण (Lord Satyanarayan) को पानी चढ़ाकर पीपल व तुलसी के वृक्ष में पानी जरूर चढ़ाए।
  • इसके बाद एक चौकी पर लाल रंग का वस्‍त्र बिछाकर उस पर भगवान विष्‍णु जी की तस्‍वीर को विराजमान कराऐं और दोनो ओर केल या आम के पत्ते रखे।
  • सबसे पहले भगवान विष्‍णु जी के सामन घी का दीपकर जलाकर उनकी पूजा करे, पूजा में फल, पुष्‍प, चन्‍दन, चावल, धूप, दीप, पंचामृत, तिल, दूध, जल, माला, नैवेद्य, फूलो की माला आदि से पूजा करे।
  • पूजा करने के बाद कामदा एकादशी व्रत की कथा (Kamada Ekadashi Vrat Katha) सुने जिसके बाद भगवान विष्‍णु जी की आरती उतारे और प्रसाद भोग लगाना चाहिए।
  • संध्‍या के समय व्रत रखने वाले को फलाहार करना चाहिए
  • दूसरे दिन अर्थात द्वादशी वाले दिन प्रात: जल्‍दी उठकर स्‍नान आदि से मुक्‍त होकर गाय को रोटी खिलाए। जिसके बाद ब्राह्मण को भोजन कराकर यथा शक्ति दान- दक्षिणा देकर विदा करे।
  • जिसके बाद खुद kamada Ekadashi Vrat का पारण करें।

पूजा के समय विष्‍णु मंत्र का जाप करें

  • ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
  • ऊँ नमो नारायणाय नम:
  • ऊँ विष्‍णवे नम:
  • ऊॅ नारायणाय विझ्हे, वासुदेवाय धीमहि, तन्‍नो विष्‍णु प्रचोदयात
  • श्री कृष्‍ण गोविन्‍द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवाय

Kamada Ekadashi Vrat पारण का मुहूर्त

कामदा एकादशी का व्रत रखने वाले व्‍यक्ति को द्वादशी अर्थात ग्‍यारस के दूसरे दिन व्रत का पारण करना चाहिए। जिसका शुभ मुहूर्त है 02 अप्रैल 2023 शनिवार को दोपहर 01:40 मिनट से लेकर शाम के 04:10 मिनट के बीच में कर सकते है। तब जाकर आपकी एकादशी का व्रत पूर्ण माना जाता है।

Kamada Ekadashi व्रत 02 अप्रैल 2023

इस माह में एकादशी व्रत दो पड़ रहे है आप सभी मात-बहने 01 अप्रैल 2023 शनिवार के दिन यह व्रत करें। पर 02 अप्रैल 2023 को वैष्‍णव संप्रदाय समाज के साधु, संत, मुनि आदि व्रत रखेगे। जिसका पारण 03 अप्रैल 2023 को प्रात:काल 06:09 मिनट से लेकर 06:24 मिनट तक सभी व्रत रखने वाले पारण कर सकते है।

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वरूथनी एकादशी व्रत कथा

कामदा एकादशी व्रत कथा Kamada Ekadashi Vrat Katha

चैत्र माह की शुक्‍ल पक्ष की एकादशी को ही कामदा एकादशी कहते है।

Kamada Ekadashi Vrat Katha in Hindi:- प्राचीन समय में पुण्‍डरीक नामक राजा नागलोक में राज करता था। उसका दरबार किन्‍नरों व गंधर्वो से सदैव भरा रहता था। एक दिन गन्‍धर्व ललित दरबार में गीत गा रहा था, कि अचानक उसे अपनी पत्‍नी की याद आयी। इस कारण उसके स्‍वर, व लय ताल सब बिगड़ गये। क‍र्कट नामक नाग ने राजा से कहा, और राजा ने उस पर बड़ा क्रोध आया।

इस बात पर राजा ने ललित गंधर्व को राक्षस होने का श्राप दे दिया। ओैर वह गंधर्व राक्षक बन गया और कई वर्षो तक कई लोको में भटकता रहा। एक दिन ललित की पत्‍नी विन्‍ध्‍य पर्वत पर ऋष्‍यमूक ऋषि के पास जाकर बोली की हे ऋषिवर मेरे पति को इस श्राप से उद्धार करने का उपाय बताऐ।

ऋषि को उसकी पत्‍नी पर दया आई और कहा बेटी चैत्र शुक्‍लपक्ष में कामदा एकादशी आ‍ती है। तू उस Kamda Ekadashi Ka Vrat Katha को श्रद्धा भाव से व पूरें विधि विधान से करेगी तो भगवान तेरे पति का उद्धार करेगें। तब से वह कामदा एकादशी का व्रत करना शुरू कर दिया एसे में बहुत दिन बीत गऐ। और एक दिन भगवान विष्‍णु जी ने उनके पति को श्राप से मुक्‍त करके पहले जैसा गंधर्व बना दिया। और कहा इस संसार में जो कोई कामदा एकादशी व्रत करेगा उसके सारे पाप मिट जाएगे।

इस व्रत की कथा को सुनकर हम सब को यह शिक्षा मिलती है। कभी भी किसी भी प्रकार की गलतीया नहीं करनी चाहिऐ। क्‍योकि हमें हर गलती की सजा जरूर मिलती है तो ऐसे में हम सब साहस व धैर्य के साथ काम करे तो हम सभी पर विजय पा सकते है।

संतान की कामना के लिए करें कामदा एकादशी व्रत

Kamada Ekadashi Vrat Katha in Hindi:– यदि किसी परिवार में कोई संतान नहीं है तो पती व पत्‍नी को भगवान विष्‍णु जी (कृष्‍णजी) को प्रसन्‍न करना चाहिए। प्रसन्‍न करने के लिए उनकी पूजा-अर्चना पूजा में पीले रंग के पुष्‍प व पीले रंग के वस्‍त्र अर्पण करें। दोनो एक साथ संतान गोपाल मंत्र का जाप करे और भगवान जी से संतान प्राप्‍ति की प्रार्थना करें।

पाप नाश के लिए क्‍या उपाय करें

यदि कोई व्‍यक्ति अपनें पापो से छुटकारा पाना चाहता है तो उसे भगवान कृष्‍ण जी को पीले रंग के वस्‍त्र व पीले रंग के पुष्‍पों की माला पहनाऐं। और चन्‍दन का तिलक करें जिसके बाद ”क्‍ली कृष्‍ण क्‍ली” की 11 मालाओं का जाप करें। भगवान को अर्पित की गई चन्‍दन की माला को अपने पास रखे। और हमेशा धर्म का मार्ग आपनाऐं Kamada Ekadashi Vrat Katha

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कामदा एकादशी व्रत पर दान का महत्‍व जानिए

इस व्रत वाले दिन जो कोई मनुष्‍य दान आदि करता है उसे पुण्‍य फल प्राप्‍त होता है। और यदि कोई व्रत रखने वाला व्‍यक्ति गंगा नदी या उसके पवित्र जल से स्‍नान करता है तो उसकी समस्‍त बाधाऐं दूर हो जाती है। मान्‍यताओं के अनुसार कामदा एकादशी व्रत (Kamada Ekadashi Vrat in Hindi) वाले दिन व्‍यक्ति को केसर, केला या हल्‍दी को दान देना चाहिए। ताकी इसके प्रभाव से व्‍यक्ति के जीवन में धन, मान सम्‍मान व संतान का सुख वैभव होता है।

इस व्रत में दान पुण्य का भी विशेष महत्व बताया गया है. यदि संभव हो तो व्रतधारी को एकादशी के दिन गंगा स्नान करना चाहिए. यदि विवाह संबंधी बाधाओं का सामना कर रहें हैं तो इस बाधा को दूर करने के लिए एकादशी के दिन केसर, केला या हल्दी का दान करना चाहिए. हिंदू धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि एकादशी का उपवास रखने से धन, मान-सम्मान और संतान सुख के साथ मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

साथियों आज की पोस्‍ट में हमने आपको कामदस एकादशी व्रत कथा (Kamada Ekadashi Vrat Katha in Hindi) के बारें में सभी जानकारी प्रदान की है। यह जानकारी केवल पौराणिक मान्‍यताअें व काल्‍पनिक सूचनाओं के आधार पर आश्ररित है। यदि आप सभी को इस पोस्‍ट में बतायी गई जानकारी पंसद आयी तो सभी मिलने वाले के पास शेयर करे और लाईक जरूर करें।और आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्‍न है तो कमेंट बॉक्‍स में जरूर पूछे। धन्‍यवाद

Kamada Ekadashi Vrat से जुड़ प्रश्‍न उत्तर

प्रश्‍न:- कामदा एकादशी का व्रत कब है

उत्तर:- 01 और 02 अप्रैल 2023

प्रश्‍न:- कामदा एकादशी का व्रत कब किया जाता है

उत्तर:- प्रतिवर्ष चैत्र मास की शुक्‍लपक्ष की एकादशी को

प्रश्‍न:- Kamada Ekadashi Vrat Ka क्‍या महत्‍व है

उत्तर:- व्‍यक्ति‍ के पापों से मुक्ति‍ मिलकर प्रेत योनि से छुटकारा मिलता है

प्रश्‍न:- वर्ष में कितनी एकादशी होती है।

उत्तर:- 24 होती है किन्‍तु कई बार 26 भी पड़ जाती है।

1 thought on “Kamada Ekadashi Vrat Katha in Hindi | कामदा एकादशी व्रत कथा व पूजा विधि”

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