Sanjhi Mata Festival in Hindi | सॉंझी का त्याैहार | What is Sanjhi Festival in Hindi | सॉंझी पर्व पूरी जानकारी पढ़े | Sanjhi Festival | सॉंझी का पर्व इन हिंदी | Sanjhi
दोस्तो आपको बता दे सॉंझी का त्यौहार Sanjhi ka Festival एक लोक त्यौहार है। जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। यह पर्व प्रति वर्ष आश्विन महीने की कृष्णपक्ष की पूर्णमासी से शुरू होकर कृष्णपक्ष की अमावस्या तक मनाया जाता है। इस बार यह त्यौहार 15 अक्टूबर 2023 से शुरू होकर 25 अक्टूबर 2023 तक है। खासतौर पर सॉझी का त्यौहार (Sanjhi ka Festival) राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, मालवा, ब्रजप्रेदश, निमाड़, उत्तरप्रदेश आदि जगहो पर बडे ही हर्ष व उल्लास के साथ मनाया जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे मालवा व निमाड़ की लोक संस्कृति में इस पर्व को श्राद्ध पक्ष के लगातार 16 दिनो तक होने के कारण इसे सांझा पर्व कहते है। इस त्यौहार पर सॉंझी माता की पूजा की जाती है। जिसकी तस्वीर महिलाओ के द्वारा गाय के गोबर व मिट्टी से बनाई जाती है। तपश्चात मूर्ति का पूरा 16 श्रृंगार किया जाता है। जिसमें हार, चूड़ी, सिन्दूर, कपड़, बिन्दी आदि से सजाया जाता है। ऐसे में आप भी सॉझी का त्यौहार (Sanjhi Festival in Hindi) मनाते है तो आर्टिकल में दि गई सभी जानकारी को पढ़कर आप अपना सॉंझी माता का त्याैहार अच्छे से मना सकते है।

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सांझी का त्यौहार कब है/Sanjhi Festival kab Hai
वैसे तो सांझी का त्यौहार नवरात्रि के दौरान आता है इस समय माता सांझी की पूजा-अर्चना करी जाती है। पर देश के कई राज्यों में यह त्यौहार भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर आश्रिवन महिने की अमास्या तक किया जाता है। इस बाद सांझी पर्व 15 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 24 अक्टूबर 2023 को पूरा होगा।
सॉझी का त्यौहार (Sanjhi ka Festival)
आपको बता दे की भारत के पंजाब, हरियाणा, हिमाचलप्रदेश आदि राज्यो में इस पर्व को आश्विन माह की शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। इस त्यौहार को सभी कुंवारी कन्याए बडी धूम-धाम से मनाकर अपनी इच्छा प्रकट करती है। इस बार यह त्यौहार 15 अक्टूबर 2023 शुरू होकर 24 अक्टूबर 2023 के दिन समाप्त होगा। Sanjhi ka Festival
- इस दिन सभी कुंवारी लडकियॉं घरों में सॉंझी का पूजन करती है
- दीवार पर गोबर से सॉंझा व सॉंझी की मूर्ति बनाकर उसका भोग लगाते है।
- इसके बाद पन्द्रवें दिन अमावस्या को गोबर से विशाल कोट बनाकर पूजन करना चाहिए।
- यदि किसी लड़की की शादी हो जाए तो वह शादी के वर्ष में ही 16 कोटों की 16 घर जाकर पूजा करके भोग लगाए।
- यह सब करने से लड़कियों की सभी मनोकामनाऍं पूर्ण होती है।
सांझी माता की पूजा कहा-कहा होती है
नवरात्रि त्यौहार के समय देश के कई राज्यों में सांझी माता की पूजा करी जाती है जैसे- पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचलप्रदेश, यूपी आदि राज्यों में सांझी माता की पूजा बड़ी धूम धाम से होती है। इस दिन महिलाए व बालिकाए सांझी माता का व्रत करती है
सॉझी माता का गीत (Sanjhi Mata ka Geet)
पूजा आदि करने के बाद सॉंझी माता का गीत गाया जाता है जो कि इस प्रकार है:-
सॉंझा लाल बनरा को चाले रे बनरा टेसुरा, बनरी से क्या-क्या लाऐ रे। बनरा टेसुरा…….
माया कू हँसला, बहिन कू ता कठला, तो गोरी धन कारी कंठी लाये रे। बनरा टेसुरा……..
माया वाकी हँसे, बहिन वाकी खिलकै, तो गोरी धन रूठी मटकी डोले रे। बनरा टेसुर………..
माया पैसे छीनौ बहिन पैसे झपटी तो, गोरी धन लै पहरायो रे। बनरा टेसुरा……..
माया वाकी रोवे बहिन वाकी सुबके, तो गोरी धन फूली न समाऐ रे। बनरा टेसुरा……….

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दूसरा गीत (Sanjhi Mata Katha)
आरता ए आरता संझा माई आरता, आरता के फूल चमेली की डाल्ही, नौ-नौ नोरते दुरगा माई के, सोलां कनागत पितरां के।।
जाग सॉंझी जाग तेरे मात्थे लाग्या भाग,, पीली-पीली पट्टिआं सदा सुहाग, सांझी ऐ के ओढैगी के पहरैगी क्यांहे की मांग भरावैगी। Sanjhi ka Festival
स्यालू ओढ़ूगी मिसरू पहरूंगी मोतिआं की मांग भराऊंगी, सूच्चयां का जूडा जड़ाऊंगी धूधाए कै ओढैगी के पहरेगी।।
क्यांहे की मांग भरावेगी क्यांहे का जूडा ए जड़ावैगी, गूदड़ औढूगी खादड़ पहरूंगी देयी की मांग भराऊंगी ल्हीखा का जूडा ए जड़ाऊंगी।।
डिस्कलेमर:- दोस्तो आज के इस लेख में आपको सॉंझी त्यौहार (Sanjhi ka Festival )के बारे में जानकारी प्रदान की है लेख में लिखकर बताई हुई जानकारी पौराणिक मान्यताओं, कथाओं के आधार पर लिखी है। आपको बताना जरूरी है Onlineseekhe.com किसी प्रकार की पुष्टि नहीं देता है। अधिक जानकारी हेतु किसी पंडित, विषेशज्ञ, विद्धान के पास जाएगा। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो लाईक करे व अपने मिलने वालो के पास शेयर करे। यदि आपके मन में कोई प्रश्न है तो कमंट करके जरूर पूछे। धन्यवाल
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